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जिग्नेश मेवाणी व 100 अन्य को पुलिस ने हिरासत में लिया

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अहमदाबाद। दलित नेता और गुजरात में विधायक जिग्नेश मेवाणी और 100 अन्य लोगों को रविवार को पुलिस ने हिरासत में लिया। यह लोग दलित कार्यकर्ता भानुभाई वांकर की मौत के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। अहमदाबाद के उपगनरीय इलाके सरसपुर में पुलिस हिरासत में लिए जाने पर मेवाणी की पुलिस के साथ गरमागरमी भी हुई।

मेवाणी और 100 अन्य लोगों को हिरासत में लेने पर उन्होंने सिपाही से बहस की और उनसे उनके बकल का नंबर मांगा। उन्होंने कहा,"गुजरात तुम्हारे पिता का नहीं है। अपना बकल नंबर दो। मैं निर्वाचित विधायक हूं और तुम मेरा अपमान नहीं कर सकते।"

उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें कार से बाहर निकालने के दौरान उनके साथ बदसलूकी की। एक निर्वाचित विधायक से इस तरह का बर्ताव नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनकी कार पर धावा बोल दिया, चाभी खींच ली और उन्हें तोड़ दिया।

हालांकि पुलिस ने उनके आरोपों से इनकार किया है। अपराध शाखा के संयुक्त पुलिस आयुक्त जे. के. भट ने पत्रकारों को बताया, "यह कहना गलत है कि पुलिस ने सम्मानित विधायक से बदसलूकी की। घटना को लेकर हम अपनी रिपोर्ट प्रदेश विधानसभा को सौंपेंगे। हो सकता है कि उन्होंने (मेवाणी ने) बदसलूकी की हो लेकिन हमने नहीं की। यह सामान्य बात है कि जब किसी को पुलिस हिरासत में लेती है तो कुछ बहस होती है।"

60 वर्षीय वांकर ने गुरुवार को पाटन के जिला समाहरणालय में खुद को आग के हवाले कर दिया था। वह दलित परिवार को आवंटित जमीन का कब्जा दिलाने की मांग कर रहे थे। वह बुरी तरह झुलस गए थे और नाजुक अवस्था में उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। शुक्रवार की रात अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में उनकी मौत हो गई।

इस घटना के बाद शुक्रवार की रात और शनिवार को उत्तर गुजरात में गांधीनगर, ऊंझा, चानस्मा, पाटन और सौराष्ट्र में मोरबी समेत प्रदेश के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन हुआ।

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने पत्रकारों से कहा, "हमने उनकी सभी बड़ी मांगें मान ली है। हम भानुभाई वांकर के परिवार के नाम कानूनी रूप से जमीन का हस्तांतरण करेंगे और वांकर के परिवार को आठ लाख रुपये का मुआवजा देंगे।"

उन्होंने कहा, "सरकार उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन करेगी या विशेष जांच दल से मामले की जांच करवाएगी जिस पर वांकर के परिवार की सहमति है। "

पूरा मध्य-पूर्व चूका रहा तेल और गैस की कीमत, अमेरिका चाहता है नियंत्रण: हसन नसरुल्लाह

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नई दिल्ली। हिज़बुल्लाह के महासचिव हसन नसरुल्लाह ने अमेरिका की साजिशों से आगाह करते हुए कहा कि पूरा मध्य-पूर्व तेल और गैस की कीमत चुका रहा है. मध्यपूर्व की लड़ाई तेल की जंग बन चुकी है. अमेरिका मध्यपूर्व के तेल और गैस पर कब्जा करने के लिए जंग भड़का रहा है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने कहा कि ज़ायोनी दुश्मन, अमरीका में डोनल्ड ट्रम्प के सत्ता में आने जैसे अवसर की तलाश में था ताकि गोलान हाइट्स को इस्राईल में विलय कर सके. उनका कहना है कि गोलान हाइट्स केवल राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय नहीं है बल्कि पानी, तेल और गैस का विशाल भंडार है.

हसन नसरुल्लाह ने सीरिया की जंग का हवाला देते हुए कहा कि सीरिया में ISIS की हार के बावजूद देश के कुछ हिस्सों पर अमरीका ने कब्जा जमाया हुआ है. क्योंकि पूर्वी फ़ुरात नदी में तेल के कुएं और गैस के महत्वपूर्ण भंडार हैं. उनका कहना है कि सीरिया के कुर्दों को भी अतीत के अनुभवों से पाठ सीखना चाहिए.

इसके अलावा उन्होंने क़तर संकट के पीछे भी तेल और गैस को ही जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा, खाड़ी संकट का कारण क़तर के गैस भंडार पर नियंत्रण के लिए कुछ देशों का प्रयास है और इराक़ को भी अमरीका, तेल भण्डार के रूप में देखता है इसीलिए वह वहां पर अपना वर्चस्व बनाने के लिए छावनियां बना रहा है.

उधर लेबनान के समुद्री क्षेत्र में स्थित तेल के स्रोतों के निकट इस्राईल की गतिविधियां तेज़ हो गई हैं. जिसका उदाहरण ज़ायोनी शासन के युद्धमंत्री का ब्यान है जिसमे उन्होंने कहा कि लेबनान का तेल और गैस का नवां कुआं, ज़ायोनी शासन का है.

'अमूल गर्ल'के तौर पर नजर आई प्रिया प्रकाश

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नई दिल्ली। एक वीडियो में अपने फरमाए गए एक सीन से प्रिया प्रकाश काफी पॉपुलर हो गई। पूरी दुनिया प्रिया की अदाओं की कायल हो चुकी है। आज के समय में प्रिया एक जाना माना नाम बन चुकी है। 

प्रिया एक मलयाली एक्ट्रेस है लेकिन उन्हें अब बॉलीवुड फिल्मो के भी ऑफर्स मिल रहें है। वहीं बात करे अभी की तो अभी हाल ही में फूड प्रॉडक्ट कंपनी अमूल ने भी प्रिया के उस अंदाज का इस्तेमाल कर लिया है जिसे देखकर लाखो लोग उसके दीवाने हो गए है। 
अभी हाल ही में अमूल ने अपने पोस्टर में प्रिया की तस्वीर को लगाया है लेकिन रियल वाली नहीं बल्कि अमूल गर्ल बनाकर।

जी अमूल के ऑफिशल ट्विटर और फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्टर में स्कूल ड्रेस में प्रिया प्रकाश वारियर का कार्टून अमूल गर्ल के तौर पर बना दिया गया है और उसमे लड़की आंख मारने'वाले एक्सप्रेशन के साथ हाथ में ब्रेड-बटर पकडे हुए नजर आ रहीं है जो वाकई में काफी शानदार लग रहा है। 

पोस्टर के साथ अमूल ने 'विंक ऑल, विंक ऑल, लिटिल स्टार!'लिखा है। आपको पता हो कि इस समय हर जगह प्रिया की मांग है तो वहीं प्रिया ने अपनी फीस भी बढ़ा दी है।

प्रिया पर आया ऋषि कपूर का दिल, ट्विटर पर कही ऐसी बात, बवाल

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नई दिल्ली। प्रिया प्रकाश को कौन नही जनता, इंटरनेट पर रातों रात सर्फ आंखों के इशारों से छाई प्रिया का आज हर कोई दीवाना है.

प्रिया ना सिर्फ केरल में बल्कि हर तरफ छा गयीं हैं, साथ ही इन्स्टाग्राम और बाक़ी नेटवर्किंग साइट्स पर उनकी फैन फोलोइंग आसमान छू रही है.

आम लोग तो इनके फैन्स हैं ही साथ ही बॉलीवुड के कई एक्टर्स भी इनके दीवाने हो गये हैं, जी हां हम बात कर रहे हैं ऋषि कपूर की जो प्रिया की तारीफों के पुल बांधते नज़र आ रहे हैं.

ऋषि कपूर ने प्रिया प्रकाश को लेकर एक ट्वीट किया और कहा कि ‘ये लड़की के लिए मैं बड़ी स्टारडम की उम्मीद करता हूं, इनका नाम प्रिया प्रकाश है, काफी आकर्षक होने के बावजूद मासूम दिखती हैं…

माय डियर प्रिया, आने वाले टाइम में लोग तुम्हें देखने के लिए बेताब होंगे, गॉड ब्लेस यू..मेरे टाइम में नहीं आईं आप! क्यों? Lol’

ऋषि कपूर हमेशा से समसामयिक मुद्दों पर बयान देते रहते हैं, वो अक्सर अपनी ट्वीट की वजह से सुर्खियों में रहते हैं और इस बार भी ऋषि कपूर अपने ट्वीट की वजह से सुर्खियों में हैं…

उनका ये ट्वीट धड़ल्ले से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, इतने बड़े सुपरस्टार की तरफ से तारीफों के शब्द सुनकर शायद प्रिया प्रकाश भी खुश और प्रोत्साहित होंगी। 

सऊदी अरब में अब पुरुषों की इजाजत के बिना व्यापार शुरू कर सकेंगी महिलाएं

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रियाद। सऊदी अरब में महिलाएं अब अपने पति या किसी भी पुरुष रिश्तेदार की इजाजत के बिना अपना बिजनस शुरू कर पाएंगी। वाणिज्य एंव निवेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल रहमान अल-हुसैन ने एक अरबी हैशटैग का उपयोग करके ट्वीट किया है जो # #No_Need अभियान, टाइसर की एक पहल है, जिसका उद्देश्य एक नया व्यवसाय स्थापित करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित बनाना है।

सऊदी सरकार ने बीते गुरुवार को अपने नियमों में बदलाव किया है। दशकों से सऊदी में महिलाओं के लिए काफी सख्त कानून बने हुए थे, जिन्हें अब सरकार धीरे-धीरे खत्म कर रही है। वाणिज्य एंव निवेश मंत्रालय द्वारा उनकी वेबसाइट पर इससे जुड़ी जानकारी शेयर की गई थी। इस प्रणाली का अर्थ है कि इस पर सब काम इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जा सकता है।

उन्होंने लिखा है कि, ‘अब महिलाएं अपने आप किसी व्यापार की शुरुआत कर सकती हैं और सरकारी मदद भी ले सकती हैं। इसके लिए अब उन्हें किसी पुरुष रिश्तेदार की मंजूरी का सबूत देने की जरूरत नहीं होगी। अल-हुसैन ने अरब न्यूज़ से कहा कि महिलायें वाणिज्य और निवेश मंत्रालय में अपने सभी वाणिज्यिक लेनदेन का इस्तेमाल किसी अभिभावक या नोटरी के बिना कर सकते हैं।

इससे पहले क्राउन प्रिंस के पिता किंग सलमान ने महिलाओं की ड्राइविंग पर लगे बैन को हटाया था। यह बैन भी दशकों से लगा हुआ था। क्राउन प्रिंस ने सऊदी अरब के लिए ‘विजन 2030’ तैयार किया है, इसमें वह महिलाओं की हिस्सेदारी को 22 प्रतिशत से एक तिहाई करना चाहते हैं।

मॉडलिंग के साथ आर्मी में बनाया करियर, लेकिन खूबसूरती बनी दुश्मन, करना पड़ा ऐसा...

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नई दिल्ली। ब्रिटेन में रहने वाली कटरनी हॉज ने मॉडलिंग की दुनिया में चमकने के साथ ब्रिटिश आर्मी ज्वाइन कर ली थी। पर उन्हें नहीं पता था कि उनकी खूबसूरती एक दिन उनकी जॉब के लिए मुश्किल पैदा कर देगी।

पहले मिस इंग्लैंड का खिताब जीत चुकी कटरीना ने 17 साल की उम्र में आर्मी ज्वाइन कर इराक में जंग भी  लड़ी, लेकिन इसके बाद उन्हें लगातार टॉर्चर सहना पड़ा। अब 30 साल की हो चुकी कटरीना ने आर्मी छोड़ने के बाद चुप्पी तोड़ी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि कैसे उन्हें पुरुष फौजियों द्वारा टॉर्चर सहना पड़ता था। उनकी खूबसूरती की वजह से उन्हें भद्दे कमेंट्स किए जाते थे। हद तो तब हो गई जब सीनियर्स तक बात पहुंचने के बाद भी कोई जांच नहीं की गई।

अब दो बच्चों की मां कटरीना कहती हैं, आर्मी में इस तरह के व्यवहार की उम्मीद नहीं थी। महिलाओं पर ये अत्याचार है। मुझे किसी चीज की तरह देखा जाता था। खूबसूरत कटरीना में जब आर्मी ज्वाइन करने पहुंची थीं, तो उन्हें देखकर उनका नाम कॉम्बेट बार्बी रख दिया गया था।

इंटरकास्ट मैरिज कर रही दीपिका, शोएब से करेंगी निकाह

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मुंबई। टीवी एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ ब्वॉयफ्रेंड एंड एक्टर शोएब इब्राहिम के साथ उत्तर प्रदेश में डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए रवाना हो गई हैं। दोनों शनिवार को भोपाल से ट्रेन में लोकेशन के लिए रवाना हुए। 
डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए दीपिका-शोएब के साथ उनके फैमिली मेंबर्स और कुछ चुनिंदा फ्रेंड भी नजर आए। दीपिका के ड्रीम के मुताबिक दोनों अपने होमटाउन में शादी करना चाहते हैं इसीलिए कुछ रस्में भोपाल में हुई हैं बाकी की लखनऊ में होंगी। 
कपल की इंटरकास्ट मैरिज है इसी वजह से मुस्लिम और हिन्दू दोनों रीति-रिवाज से शादी में हल्दी से लेकर निकाह तक की सभी रस्में शामिल की गई हैं।  कपल की शादी का रिसेप्शन 26 फरवरी को मुंबई में होगा। जिसमें इंडस्ट्री के सभी सेलेब्स शामिल होंगे।
बता दें, टीवी शो 'ससुराल सिमर का'(2011) के सेट से दोस्त बने दीपिका और शोएब 2013 से एक दूसरे को डेट कर रहे हैं। शोएब ने फैमिली मेंबर्स की मौजूदगी में दीपिका को 'नच बलिए'(2017) के सेट पर शादी के लिए प्रपोज भी किया था। दीपिका ने रौनक मेहता से 2013 में लव मैरिज की थी लेकिन जनवरी 2015 में इनका तलाक हो गया।

स्पाइस गर्ल्स के साथ काम करने को आतुर नॉटी ब्वॉय

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लंदन। डीजे 'नॉटी ब्वॉय'पॉप बैंड 'स्पाइस गर्ल्स'के साथ काम करने को आतुर हैं। प्रोडयूसर ने 'मेट्रो डॉट कॉ डॉट यूके'को बताया कि उन्होंने अपने नई अल्बम के लिए स्पाइस गर्ल्स से संपर्क साधा है।

नॉटी ब्वॉय का वास्तविक नाम शाहिद खान है। उन्होंने कहा कि उनकी नई अल्बम का काम लगभग खत्म हो चुका है और यह अप्रैल या मई में लॉन्च हो जाएगी। इस अल्बम का सिर्फ एक ही गाना बचा है।

उन्होंने कहा, "सिर्फ एक गाना है, उसके लिए मैं स्पाइस गर्ल्स के जवाब का इंतजार कर रहा हूं। मैंने उनसे पूछा है, देखते हैं।"

भारत 50 खरब डॉलर की अर्थव्यस्था बनने को अग्रसर : मोदी

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मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत अगले कुछ वर्षो में सतत, समग्र विकास के साथ 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।

यहां पहले मेगा वैश्विक निवेशक सम्मेलन, 'मैग्नेटिक महाराष्ट्र : कनवर्जेस 2018'का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि देश राज्यों के विकास के साथ ठोस विकास की राह पर है। मोदी ने कहा, "हम 50 खरब डॉलर के क्लब में शामिल होने की दिशा में काम कर रहे हैं।"

उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र अगले कुछ वर्षो में 10 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने वाला देश का पहला राज्य होगा। इस मौके पर 200 से अधिक भारतीय और वैश्विक कंपनियों के प्रमुख उपस्थित थे।

मुस्लिम वोटों को बांटकर BJP जीतेगी कर्नाटक का चुनाव : स्वामी

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नई दिल्ली। कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी सांप्रदायिकता के जरिए धुर्वीकरण करने की पूरी कोशिशों में जुटी है. ऐसे में अब बीजेपी अल्पसंख्यक वोटों के बिखरने और बहुसंख्यक हिंदू वोटों को लामबंद की रणनीति अपना रही है.

इस सबंध में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि अल्पसंख्यक वोटों के बिखरने और बहुसंख्यक हिंदू वोटों के लामबंद होने के कारण कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा ही अपनी जीत दर्ज करेगी.

उन्होंने कहा, ‘उदाहरण के लिए, जो महिलाएं मुसलमान हैं, वे इस बात के लिए भारतीय जनता पार्टी की आभारी हैं कि उसने तीन तलाक हटाने का साहसी कदम उठाया. शिया एवं बोहरा तथा अन्य अल्पसंख्यक समूह भी हमारे पक्ष में वोट करेंगे. अतएव अल्पसंख्यक वोट बंट जायेंगे. बहुसंख्यक वोट लामबंद हो रहे हैं. मैं समझता हूं कि हम (कर्नाटक में) इस बार पर जीतेंगे.’

स्वामी ने कहा कि मान लीजिए अगर महिला मुस्लिम है, वह केंद्र के रुख से काफी खुश हैं, जिस तरह से केंद्र सरकार ने तीन तलाक के खिलाफ अपना रुख सामने रखा और इसके खिलाफ काम किया उसके बाद पार्टी को मुसलमानों को साथ मिलेगा.

उन्होंने कहा, ‘अल्पसंख्यक पुरुष कांग्रेस के पीछे एकजुट हो जायेंगे लेकिन महिलाएं दृढ़ता के साथ हमारे साथ खड़ी हैं.’ बीजेपी नेता ने कहा, पार्टी को इस हिसाब से 125-130 सीटें मिलने का विश्वास है.

सब्र का दामन थामे रखा तो फिर से कायम होगी खिलाफत-ए-उस्मानिया: एर्दोगान

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तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोगान कई मौकों पर खिलाफत-ए-उस्मानिया को फिर से जिंदा करने का जिक्र कर चुके है. हाल ही में उन्होंने कहा था कि टोमन साम्राज्य को खड़ा करने के लिए तुर्की गणराज्य की निरंतरता जारी है. एक बार फिर से उन्होंने इस सबंध में बयान दिया है.

शनिवार को इस्तांबुल के इमाम खतीब स्कूल में एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते पहुंचे एर्दोगान ने मदीना मुनव्वरा की मिसाल देता हुए कहा कि मुसलमानों ने सब्र का दामन थामे रखा तो जल्द ही फिर से तुर्की में खिलाफत-ए-उस्मानिया दुबारा से कायम होगी. उन्होंने कहा कि मदीना में मुसलमानों ने जिस तरह से सब्र के दामन को थामे रखा उसके बदले अल्लाह ने उन्हें मक्का फ़तेह का इनाम अता किया.

इससे पहले ओट्मन सुल्तान अब्दुलहैद द्वितीय की मृत्यु के शताब्दी समारोह के दौरान उन्होंने कहा था कि “तुर्की गणराज्य, हमारे पिछले राज्यों की तरह एक दूसरे की निरंतरता है. यह ओटोमन की निरंतरता है. उन्होंने कहा, बेशक, सीमाएं बदल गई हैं. सरकार के रूप बदल गए हैं … लेकिन सार एक ही है, आत्मा एक जैसी है, यहां तक ​​कि कई संस्थान भी समान हैं.

इसी के साथ ओटोमन साम्राज्य की उन्ही पुरानी जड़ों को विकसित करने के लिए एर्दोगान हुकूमत की कोशिशे जारी है. तुर्की हुकूमत इस्लामिक तालीम से एक नई पीड़ी खड़ी करना चाहते है. जो तुर्की में एक नई सभ्यता के निर्माण के लिए काम करेगी. इसके लिए इस्लामिक तालीम हेतु अरबों डॉलर का धन दिया जा रहा है. स्कूलों में इमामों की नियुक्ति की जा रही है.

भारत ने इजराइल के साथ मिलकर कराया 26/11 मुंबई हमला: जर्मन लेखक

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नई दिल्ली। 2008 के मुंबई हमले को लेकर जर्मनी के एक लेखक ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि ये हमला भारत ने ही खुद इजराइल और अमेरिका की मदद से कराया था.

जर्मन लेखक एलिस डेविडसन ने अपनी नई किताब “भारत की धोखाधड़ी, 26 नवंबर के सुबूतों पर पुनर्विचार” में मुंबई हमलों के सबूतों और गवाहों का गहन अध्ययन करने के बाद दावा करते हुए कहा कि इस हमले के बाद भारत सहित अमरीका और इसराइल के व्यापारियों और नेताओं को खूब लाभ हुआ.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार डेविडसन ने ये भी कहा कि इस हमले के पीछे एक बड़ा लक्ष्य था. जिसके तहत हिंदू चरमपंथियों, राष्ट्रवादियों और सुरक्षा एजेंसियों को फ़ायदा पहुंचाना था. साथ ही ये भी दुनिया को दिखाना था कि भारत को चरमपंथ से लगातार ख़तरा बना हुआ है. ताकि भारत के रिश्ते चरमपंथ से मुकाबला करने वाले देशों के साथ मजबूत हो सके.

लेखक ने सवाल उठाया कि नरीमन हाउस के मामले में इसराइल और भारत ने झूठे गवाह तैयार किए. साथ ही दुकानदारों का ये बयान भी रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं बनाया गया कि तमाम चरमपंथी 15 दिनों से नरीमन हाउस में ही रह रहे थे. दावा किया गया है कि बहुत से गवाहों को ट्रेनिंग दी गई थी.

आप को बता दें कि नवंबर 2008 में हुए इस आतंकवादी हमले को पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 सदस्यों ने अंजाम दिया था. जिसमे 164 लोगों की मौत हो गई थी और कम से कम 308 घायल हुए थे.

आ अब ‘भाग’ चलें .... नैन बिछाए बाँहें पसारे तुझको पुकारे (वि)देश तेरा !

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सूर्य प्रताप सिंह 
जान पहचान के थे .... यदि ‘भागने’ में मदद कर भी दी तो कौन सी बड़ी बात हो गयी। अपनों की सभी मदद करते हैं ..... वक़्त-वेवक्त काम जो आते रहें है ..... ज़रा, समझा करो।

अब ‘चौकीदार’ साहब पीट तो रहे हैं लकीर को ज़ोरों से ....कोई ‘राफ़ेल’ पर सवार होकर थोड़े ही भगाया है, अपने ख़र्चे पर गए हैं। हो गयी ग़लती, तो क्या जान लोगे ....

आगे ये सब न करने की क़सम लेकर भगाया है, बेचारों को। ज़्यादा कहते हो तो वादा करते हैं कि अब अपने साथ कभी किसी को नहीं ले जाएँगे...... और देश के मूर्ख लोगों को तो बड़ी-२ बातों में फ़ँसा ही लेंगे।
अब जियो और जीने दो ..... प्रधान सेवक जी को !
घर घर मोदी- भग भग मोदी !!
(लेखक पूर्व आईएएस अधिकारी हैं)

PNB घोटाला: मैनेजर और क्लर्कों को गिरफ्तार करके देश को बेवकूफ बनाया जा रहा है?

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मोहम्मद जाहिद 
पीएनबी घोटाले में सीबीआई और ईडी , असिस्टेन्ट मैनेजर और क्लर्कों को गिरफ्तार करके देश को बेवकूफ बना रही है।

बैंकिंग सिस्टम में हर ब्रान्च की ग्रेड होती है जैसे ग्रेड 1 ग्रेड 2 ग्रेड 3, उस ब्रान्च का मैनेजर भी उसी ग्रेड का नियुक्त होता है , सबसे अधिक ग्रेड वाले बैंक मैनेजर के लोन सेंक्शन करने की लीमिट ₹10 करोड़ भी नहीं है। यह लोन उससे भी बड़े स्तर के जोनल मैनेजर और फिर और बड़ी रकम के लिए हेडआफिस से लोन सेंक्शन होता है।

नीरव मोदी का मामला तो बैंक के बोर्ड स्तर का था , वहीं से इतने बड़े लोन के लिए पासवर्ड जारी होते हैं। जो कई पासिंग आफीसर के द्वारा ही प्रयोग करके कर्ज दिए जाते हैं।

बैंकिंग व्यवस्था 2011 के पहले से ही आनलाईन है और हर क्रेडिट के खातों पर हेड आफिस तक की नज़र रहती है , वह ज़माना नहीं कि मैनेजर के ग्राहक के खाते वाले लेजर पर "एलाऊ"लिख देने से बैंक क्रेडिट दे देता था।

डिप्टी मैनेजर तो सिर्फ़ पासिंग अधिकारी होता है और क्लर्क इंट्री करने वाला , जो केवल बाऊचर पास करता है ना कि लोन , जिनको गिरफ्तार किया जा रहा है।

यह वैसा ही मामला है जैसे किसी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के गिरने पर उस बिल्डिंग के ठेकेदार , आर्टिटेक और इंजीनियर की जगह मजदूर और मिस्त्री को जिम्मेदार मान कर गिरफ्तार किया जाए।

डाक्टर अय्यूब की समझ में आ गया कि 'अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता'

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मोहम्मद जाहिद 
चलिए डाक्टर अयूब को अक्ल आ गयी कि "अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता"जल्दी ही और लोगों को भी आ जाएगी।

मुसलमानों की पार्टी के साथ इस देश में एक मात्र समस्या यह है कि उनको चंद मुसलमानों के अतिरिक्त और किसी धर्म या जाति का वोट नहीं मिलता और ना ही मिलने की संभावना है।

यह एक कड़वा सच है कि जिस तरह मुसलमान हिन्दुओं को अपना नेता 70 सालों से मानता रहा है उस तरह हिन्दू अपना नेतृत्व मुसलमानों को नहीं दे सकता।

मुसलमानों को यह सच ध्यान में रख कर ही राजनीती करनी चाहिए और अपने हक के लिए लड़ना चाहिए। मुसलमानों को अपने लिए कम खतरनाक और अधिक खतरनाक में से ही एक को चुनना होगा।

यहाँ हिन्दुस्तान में सलाउद्दीन अय्यूबी , तैय्यब एरदगान और सद्दाम हुसैन की उम्मीद करना निहायत बेवकूफी ही है। उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में ओलेमा काउंसिल बसपा के आगे सरेन्डर हो गयी और आज पीस पार्टी समाजवादी पार्टी से सहयोग को तैय्यार हो गयी।

उम्मीद है सेकुलर लोगों को गाली देने का काम अब कम से कम पीस पार्टी के लोग बंद कर देंगे। और लोगों को भी जल्दी सद्बुद्धी आ जाए तो भाजपा के विरोधी वोटों का बिखर कर भाजपा को जिताने का सिलसिला बंद हो।

इस्लाम, मुसलमान और कर्ज़!

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मोहम्मद जाहिद 
कानपुर के "पान पराग"और रोटोमेक पेन के मालिक "विक्रम कोठारी"के भी यूनियन बैंक आफ इंडिया का 500 करोड़ लेकर भाग जाने की खबर है।

जब देश का प्रधानमंत्री खुद को प्रशासक की जगह "व्यापारी"समझने लगे तो उनके व्यापारी तो देश को लूटेंगे ही। इस देश का प्रशासक यदि अपने खून में व्यापार के होने की घोषणा करने लगे तो अन्य व्यापारी में लाभ के लिए उचित और अनुचित करने का दुस्साहस पैदा होता है।

मैं बार बार कहता हूं और फिर कह रहा हूं कि 5 साल में मोदी सरकार भाजपा और संघ के मुसलमानों पर लगाए सभी आरोप अपनी करनी से खुद झुठला देगी।

मुग़लों और मुसलमानों पर मंदिर ढाहने का आरोप "बाबरी मस्जिद ढहा कर तब झुठला दिया जब इसके 25 साल बाद भी मुसलमानों ने किसी भी एक मंदिर की एक ईंट भी नहीं उखाड़ी।

दंगों को मुसलमानों द्वारा शुरु करने का आरोप भी झूठा साबित हो गया और मुज़फ्फरनगर , कासगंज तथा 36 मुसलमानों के गोआतंकियों के द्वारा मारे जाने पर भी मुसलमान संयमित रहा एक ढेला भी किसी के ऊपर नहीं फेका।

और अब मुग़लों के द्वारा भारत के लूटने का आरोप भी इनके द्वारा झुठलाया जा रहा है , देश को 70 साल से लूटा जा रहा है , और लूट कर विदेशों में जमा किया जा रहा है।

मुग़ल तो यहाँ आए और यहीं राज किए और यहीं मर कर दफन हो गये , देश का एक ढेला भी बाहर नहीं ले गये परन्तु पिछले 70 साल से देश को लूट कर बाहर ले जाने का सिलसिला जो जारी है उसमें कोई मुसलमान शामिल नहीं है।

मोदी गिरोह इसका ताजा उदाहरण है और विक्रम कोठारी उस उदाहरण का एक छोटा सा और उदाहरण। माल्या , और ना जाने कितने हिन्दूजा हर्षद मेहताओं के देश लूटने का इतिहास नहीं बल्कि वर्तमान है जिसे देखने के लिए किसी संघी या वामपंथी इतिहासकार के आँख की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।

सोचिएगा कि ऐसा क्युं है कि किसी मुसलमान का नाम इस देश के कर्ज लेकर भागने और घोटाले वालों में शामिल नहीं।

उत्तर यहाँ है

दरअसल , इस्लाम में कर्ज़ और ब्याज को लेकर बहुत सख्त आदेश है इसीलिए जिस मुसलमान के पास थोड़ा सा भी ईमान है वह अपना हिसाब किताब बहुत साफ रखता है।

जिसको लौटाना है वह उसको लौटा देता ही है और यदि नहीं दिया तो इस्लाम में कब्र से लेकर आखिरत तक तमाम सजाएं तय करके बता दी गयीं हैं। इमान ना रखने वाले पर कोई नियम लागू नहीं होता , कोई उर्दू नाम वाला सलमान रश्दी भी हो सकता है , तसलीमा नसरीन भी हो सकती हैं तो तारेक फतेह भी हो सकता है।

मैं आम ईमान वाले मुसलमानों की बात कर रहा हूं जो किसी के अपने पास रखे पैसे को उसकी "अमानत"समझता है और किसी से भी लिए कर्ज़ को जल्दी से जल्दी अदा करने की कोशिश करता है।

इस्लाम में किसी भी मुसलमान के ऊपर हज भी तभी फर्ज़ है जबकि उस पर कोई कर्ज़ ना हो , यदि कर्ज़ है तो उसके लिए हज से ज़रूरी है कि उस पैसे से वह अपने कर्ज को चुका दे।

कुरान में कर्ज़ ना चूकाने की बहुत बड़ी सज़ा बताई गयी है और आखिरत ( ईश्वर के सामने पुण्य पाप का हिसाब किताब) में ऐसे लोगों के कुल "पुण्य"में से उसी अनुपात में पुण्य उस व्यक्ति को दे दिए जाने की बात कही गयी है जिसका कर्ज उसने नहीं चुकाया , इसी डर से मुसलमान किसी से लिया कर्ज़ जल्दी से जल्दी चुकाने का प्रयास करता है , और यदि अपने मृत्यु तक यदि वह नहीं कर पाया तो उसकी औलादें किसी भी तरह उसके कर्ज़ की भरपाई उसके कब्र में जाने से पहले ही कर ही देती हैं या फिर कर्ज़ देने वाला उस कर्ज़ को माफ कर देता है।

इस्लाम में कर्ज़ से मुक्त करने की दुआएं भी हैं।

اللَّهُمَّ اكْفِنِي بِحَلَالِكَ عَنْ حَرَامِكَ، ‏‏‏‏‏‏وَأَغْنِنِي بِفَضْلِكَ عَمَّنْ سِوَاكَ

"ऐ मेरे परवरदिगार! मैं तुझसे पनाह मांगता हूं क़र्ज़ के फ़िक्र व अन्देशे से और उसके झमेलों से और उसके बाएस बेख़्वाबी से तू मोहम्मद (स0) और उनकी आल (अ0) पर रहमत नाज़िल फ़रमा और मुझे इससे पनाह दे। परवरदिगार! मैं तुझसे ज़िन्दगी में उसकी ज़िल्लत और मरने के बाद उसके वबाल से पनाह मांगता हूँ। तू मोहम्मद (स0) और उनकी आल (अ0) पर रहमत नाज़िल फ़रमा और मुझे माल व दौलत की फ़रावानी और पैहम रिज़्क़ रसानी के ज़रिये इससे छुटकारा दे"

यहाँ तक कि मुसलमानों के हर साल अपने माल के चालिसवें हिस्से का प्रयोग "ज़कात"के रूप में किसी मजबूर के कर्ज़ को चुकाने में खर्च करने को कहा गया है।

ध्यान दीजिए की इस्लाम में कर्ज़ का अदा न करना गुनाहे कबीरा है। कर्ज की अदाएगी में टालमटोल करना और उसे चुकाने में बहानेबाजी करना दुनिया और आखिरत दोनों के ही ऐतबार से बेहद हानिकारक है कि दुनिया में बेईज़्ज़ती और आखिरत में खुदा के गुस्से का शिकार होगा। हदीस की रोशनी में इस काम को बड़े और "कबीरा गुनाह"में शुमार किया गया है और यहाँ तक है कि अगर किसी के सर पर कर्ज का बोझ हो और वह इस हालत में वह शहीद हो जाए और अल्लाह के रास्ते में अपनी जान कुर्बान कर दे तब भी कर्ज के अदा न करने का गुनाह उसके सर बाकी रहेगा।

इसलिए हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर ; रजि0द्ध से मरवी है कि नबी करीम ; सल0द्ध ने इरशाद फरमाया.‘शहीद के कर्ज के अलावा सारे गुनाह बख्श दिए जांएगे। :- मुस्लिम शरीफ

इस्लाम में कर्ज़ ना चुकाने की सज़ा इतनी सख्त बताई गयी है कि इससे डर कर कोई ईमान वाला मुसलमान किसी से लिए कर्ज को ना चुकाने का सोच भी नहीं सकता।

इसीलिए पिछले 70 सालों में तमाम हुए घोटालों में किसी मुसलमान का नाम नहीं आया सिवाय "तेलगी"के जो "फर्जी स्टैम्प"के कारोबार से जुड़ा था।

बाकी चार गवाह और फर्जी बरामदी दिखाकर आतंकवाद से लेकर भाईगिरी तक का आरोप सरकार किसी पर भी लगा कर टाँग सकती है देश से निर्वासित करा सकती है। परन्तु घोटाला और कर्ज ना लौटाकर भाग जाना चुकि सबूतों हस्ताक्षरों और तमाम सिक्योरिटी देने से सिद्ध करना होता है तो सरकार यह नहीं कर सकी।

सीधी सी बात है कि मुसलमानों के ऐसे ईमान और किरदार के बाद मुगल किसी का सामान लूट लें यह खुद समझा जा सकता है।

दरअसल यह सारा खेल संघी और वामपंथी इतिहासकारों के इस्लाम और मुसलमान विरोध की ग्रंथी के कारण हैं जिसमें दुनिया को जीतने निकला और तमाम युद्ध जीता "सिकंदर"महान कहलाया गया और भारत के छोटी छोटी रियासतों को जीतने वाले "मुग़ल"आक्रमणकारी और लुटेरे , अशोक अपने सैकड़ों भाईयों की हत्या करके सत्ता हासिल करे तो "महान"और "सम्राट"कहलाया गया और "आलमगीर औरंगज़ेब"अपने ऐय्याश भाईयों को राज्य के हित में मार कर सिंहासन पर बैठे तो वह "हत्यारे"कहलाए गये।

इन्हीं तथा कथित लुटेरों के शासन में भारत "सोने की चिड़िया"कहलाया जाता था ,तब भारत की जीडीपी जितनी थी उतनी किसी देश की आजतक नहीं हुई , और अंग्रेज़ इसी सोने की चिड़िया को लूटने भारत आए थे , इतिहास गवाह है अंग्रेज आजतक किसी नंगे भूखे देश पर शासन नहीं किए।

नेपाल उदाहरण है।
(ये लेखक के निजी विचार हैं)

5 बच्चों की मां से इमरान खान ने रचाई तीसरी शादी

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नई दिल्ली।पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तान तहरीके इंसाफ (PTI) प्रमुख इमरान खान ने शादी करने का हैट्रिक बना लिया है। पूर्व क्रिकेटर 68 वर्षीय इमरान खान ने रविवार को बुशरा मेनका से निकाह किया है। इमरान की पार्टी ने इस निकाह की पुष्टि करते हुए कर दोनों को मुकारकबाद दी गई और शादी की तस्वीरें जारी की। इमरान की तीसरी पत्नी बुशरा एक धर्म गुरु हैं।

पाकिस्तान तहरीके इंसाफ के प्रवक्ता फवाद चौधरी ने कहा कि इमरान खान ने इच्छा जताई थी कि शादी को सामान्य रखा जाए और ऐसा ही हुआ। इस निकाह में दोनों परिवारों के रिश्तेदार और सिर्फ नजदीकी दोस्त ही शामिल हुए।

पिछले महीने ही पीटीआई ने एक बयान जारी कर कहा था कि मिस्टर खान ने बुशरा मेनका को शादी का प्रस्ताव दिया है, लेकिन इस जवाब पर उन्होंने अभी वक्त मांमगा है। वह अपने परिवार और बच्चों के साथ बात करके इसपर फैसला लेंगी।

बता दें कि बुशरा एक पीर का दर्जा रखती हैं। वो पाकपट्टन की एक धर्म गुरु हैं। बुशरा ने इससे पहले 1989 में खादिर मानिक साहब ने शादी की थी। बुशरा के पांच बच्चे हैं, जिनमें तीन बेटियां शादीशुदा हैं।

इमरान खान की पहली शादी पाकिस्तानी-ब्रिटिश पत्रकार जेमिमा गोल्डस्मिथ से हुई थी। करीब 9 साल तक दोनों साथ रहे। जेमिका और इमरान के दो बेटे भी है। इसके बाद इमरान ने रेहम खान से जनवरी,2017 में दूसरी शादी की। पेशे से पत्रकार रेहम और इमरान के रिश्ते बहुत समय तक नहीं चल सके और शादी के सिर्फ नौ महीने बाद ही दोनों ने अगल रहने का फैसला कर लिया।

बता दें कि अपनी कप्‍तानी में पाकिस्‍तान को विश्‍वकप दिलाने वाले पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पूर्व पत्नी रेहम खान ने कुछ समय पहले एक टीवी चैनल को दिए गए अपने साक्षात्‍कार में बड़ा खुलासा किया। उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें पाकिस्‍तान में धमकियां मिल रही थी, इसलिए उन्‍होंने देश छोड़ दिया है और इस वजह से काफी गुस्‍से और अवसाद में हैं।

धमकी से मैं इतनी डरी हुई थी कि अपनी बेटी को स्‍कूल से लिया और देश छोड़कर आ गई अपने साक्षात्‍कार में इमरान खान की दूसरी पूर्व पत्‍नी ने कहा कि वह पाकिस्तान में सच नहीं बोल सकती थीं। यह एक ऐसी जंग है, जिसे व़ो देश में रहकर नहीं लड़ सकती थीं। देश में ऊनका साथ किसी भी दल ने नहीं दिया।

हरियाणवी डांसर सपना चौधरी बनी दुल्हन, देखें वीडियो

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नई दिल्ली। हरियाणवी डांसर सपना चौधरी दुल्हन के लिबास में एक वीडियो तेजी से वायरल हो रही है। दुल्हन के लिबास में सपना चौधरी बेहद खूबसूरत लग रही है। पहले तो ये नजारा देखकर सपना चौधरी के फैंस चौंक गए, लेकिन उन्हें राहत तब मिली जब पता चला कि ये एक वीडियो सांग का सीन है। दरअसल, कल यूट्यूब पर सपना चौधरी का नया गाना रिलीज हुआ है।
अब तक लाखों लोग अपनी फेवरेट डांसर को नए रूप में देख चुके हैं। सपना चौधरी के इस नए गाने को यूट्यूब पर सोनोटेक कैसेट्स ने जारी किया है। इस गाने का टाइटल 'मेरा चांद'रखा गया है। इस गाने को हरियाणवी सिंगर राज मवर ने गाया है और पवन गिल ने इस डायरेक्ट किया है। इस गाने को एक दुल्हन और दूल्हे के ऊपर फिल्माया गया है। जिसमें सपना चौधरी दुल्हन बनकर लाल साड़ी में अपने फैंस पर जलवे बिखेर रही हैं। 
बता दें कि इसके साथ ही सपना चौधरी का एक और आइटम सांग इन दिनों यूट्यूब पर धमाल मचा रहा है। सपना चौधरी ने ये आइटम सांग आगामी 9 मार्च को रिलीज होने वाली फिल्म 'वीरे की वेडिंग'के लिए किया है। गाने का टाइटल 'हट जा ताऊ'है जिसमें सपना चौधरी टल्ली होकर डांस करते हुए दिख रही हैं। 
गाना पुराने हरियाणवी हिट गाने 'हट जा ताऊ'का रिमिक्स है जिसे सुनीधि चौहान ने गाया है। फैंस को इसमें सपना का वही अंदाज दिखेगा जो उनके डांस शो में दिखता है। गुलाबी रंग की खूबसूरत पोशाक में सपना के ठुमकों ने गाने में जान डाल दी है। इस गाने में उनके साथ फिल्म की हिरोइन कीर्ति खरबंदा भी नजर आ रही हैं। 'वीरे की वेडिंग'फिल्म 9 मार्च को रिलीज होने वाली है। 

कल्पनाओं की अनोखी दुनिया में ले जाएगी डिज्नी की ये फिल्म

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नई दिल्ली। डिज्नी चैनल ने फिल्म ‘डिसेन्डेन्ट्स 3’ को 2019 की गर्मियों में रिलीज करने का ऐलान कर दिया है। ये फिल्म आपको एक अगल और अनोखी दुनिया में ले जाएगी।

2019 में आपकी गर्मियों की वेकेशन के एंटरटेंनमेंट का इंतजाम अभी से हो गया है। आपको एक ऐसी दुनिया में ले जाया जाएगा जहां आप बहोत ही अलग और अच्छा महसूस करेंगे। जी हां...डिज्नी चैनल की फिल्म ‘डिसेन्डेन्ट्स 3’ 2019 की गर्मियों में रिलीज होगी। इसकी घोषणा चैनल ने कर दी है। ‘डिसेन्डेन्ट्स 3’ गर्मियों में रिलीज की जाएगी। इस खबर का ऐलान डोव कैमरून ने किया है वो इससे पहले ‘डिसेन्डेन्ट्स’ में भी नजर आई थीं।

डिज्नी चैनल्स वर्ल्डवाइड के अध्यक्ष व चीफ क्रिएटिव ऑफिसर गैरी मार्श ने बताया, ‘डिज्नी की कीमती विरासत की संपत्तियों में एक आधुनिक पहलू को जोड़ने से ‘डिसेन्डेन्ट्स’ की दुनिया क्लासिक बन गई है। हम रोमांचित हैं कि इसकी रचना करने और इसे पेश करने वाली रचनात्मक टीम एक बार फिर से गहराई से इन पात्रों को और उनकी काल्पनिक दुनिया को पेश करने वापस आ रही है।’

‘डिसेन्डेन्ट्स’ सीरिज की तीसरे भाग में कैमरून के साथ सोफिया कार्सन, बूबू स्टीवर्ट, मिशेल होप, चाइना ऐनी मैक्कलेन और कैमरून बॉयस जैसे कलाकार फिर से अपनी पुरानी भूमिकाओं में नजर आएंगे।

इस सीरीज की दूसरी फिल्म को दुनिया के 159 देशों में करीब 7 करोड़ 15 लाख लोगों ने देखा था। इस फिल्म के डायरेक्टर केनी ओरेट्गा पहली दो फिल्मों के निर्देशन के बाद वापस लौटे हैं और वो फिल्म के लिए एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर और कोरियोग्राफर की भूमिका निभाएंगे।

संकल्प फाउंडेशन : समाज सेवा से सांप्रदायिक दंगो तक एक एनजीओ का सफ़र

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मोहम्मद आरिफ
हाल ही में उत्तर प्रदेश के कासगंज में साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई हैं। कासगंज में हुई सांप्रदायिक घटनाओं की शुरुआती रिपोर्टिंग में तथाकथित तिरंगा यात्रा पर पथराव और जबरन नारेबाजी की बात कही गयी | हालाँकि कासगंज पहुंचे पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओ को कुछ अलग ही कहानी मिली जिसे जानबूझकर प्रशासन और मीडिया के एक हिस्से ने कासगंज की घटनाओं से अलग रखा | सांप्रदायिक हिंसा भड़काने में संकल्प फाउंडेशन की भूमिका की बात सामने आई है.

कासगंज में बड्डूनगर स्थित अब्दुल हमीद तिराहे पर 26 जनवरी को ध्वजारोहण कार्यक्रम के दौरान हिंदूवादी संगठन ‘संकल्प’ द्वारा जबरन भगवा झंडों के साथ हथियारबंद रैली निकालने तथा उकसावे भरे नारों जैसे “हिंदुस्तान में रहना है है तो वंदेमातरम् कहना है “ और “हिंदी हिन्दू हिन्दुस्तान कटुए भागो पाकिस्तान’ लगाने के दौरान झड़प की बात सामने आई है, जिसके बाद पूर्वनियोजित तरीके से सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को अंजाम दिया गया| यहाँ पर यह बता देना जरुरी है कि कासगंज में गोली लगने से जिस अभिषेक गुप्ता उर्फ़ चन्दन की मौत हो गई वह ‘संकल्प फाउंडेशन’ के प्रमुख संस्थापक सदस्यों में था और 26 जनवरी को तथाकथित तिरंगा यात्रा का नेतृत्व भी वही कर रहा था |

कासगंज में 26 जनवरी को तथाकथित तिरंगा यात्रा के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में अभिषेक गुप्ता उर्फ़ चन्दन नामक युवा की मौत हुई जिसके बाद संकल्प फाउंडेशन के अध्यक्ष अनुकल्प विजय चन्द्र चौहान द्वारा सोशल मीडिया और फेसबुक पर एक लम्बा वीडियो पोस्ट किया गया जिसमे चन्दन की मौत के गंभीर परिणाम मुस्लिम समाज को भुगतने की चेतावनी दी गई और उन्हें कासगंज छोड़ देने की खुली धमकी दी गई| इसके बाद अगले दो दिनों तक लगातार मुसलमानों की घरों, दुकानों, मस्जिदों पर हमला और आगजनी की घटनाएँ हुईं|

कासगंज में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटना कोई अचानक से होने वाली हिंसा नहीं थी जैसा की शुरुआत में बताया गया बल्कि यह एक पूर्वनियोजित साज़िश का हिस्सा था | इस पूरे घटनाक्रम में कासगंज के एक स्थानीय हिंदूवादी संगठन की प्रमुख भूमिका की बात सामने आई है | कासगंज में लगभग 8 या 9 महीने पहले ही हिंदुत्व के प्रति गहरा आकर्षण रखने वाले युवाओं ने ‘संकल्प फाउंडेशन’ के नाम से एक संगठन की स्थापना की थी | संकल्प फाउंडेशन में लगभग 100 नौजवान शामिल हैं जिनकी उम्र 18-28 साल के दरम्यान है | इनमे से कुछ तो नौकरी पेशा है लेकिन ज्यादातर बेरोजगार युवा हैं | शुरू -2 में इस संगठन के सदस्यों ने रक्तदान, सफाई और कम्बल बांटने जैसे काम किया और इस तरह से कासगंज के हिन्दू बहुसंख्या वाली बाज़ार में इन्हें एक तरह से नैतिक स्वीकार्यता प्राप्त हो गई |

वास्तव में तथाकथित तिरंगा यात्रा के कुछ समय पहले से ही सोशल मीडिया पर संकल्प के सदस्यों द्वारा मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरे कमेन्ट और अपमानजनक बातें लिखी जा रही थीं और कुछ मुसलमान लड़कों ने इसका विरोध भी किया था लेकिन बात ख़त्म नहीं हुई और फेसबुक पर शुरू हुए नफरत भरी एक ही पोस्ट में तकरीबन 1000 से अधिक बार कमेन्ट किये गए जिसकी शुरुआत मुसलमानों को पाकिस्तान जाने की सलाह देने से की गई थी और जाने के लिये किराये की पेशकश का तंज मारा गया था | 

इस पूरे घटनाक्रम की बात संकल्प के ही एक संगठन पदाधिकारी ने कही | हालाँकि उसने यह भी बताया कि उसने इनमे से कुछ लड़कों को समझाने का भी प्रयास किया था लेकिन हिंदुत्व के आकर्षण में फंसे लड़कों ने कोई बात नहीं सुनी | इस तकरार के बाद से ही संकल्प फाउंडेशन के सदस्यों की गुप्त बैठकें भी हुई थीं| इन्हीं आशंकाओं के चलते संकल्प फाउंडेशन के उपाध्यक्ष आयुष शर्मा उर्फ़ पंडित जी (आयुष शर्मा स्वयं को युवा नेता कहते हैं और उनके फेसबुक पेज को 8000 से अधिक लोग फॉलो करते हैं ) ने 20 जनवरी को गृहमंत्री, मुख्यमंत्री और यूपी पुलिस को ट्विटर के माध्यम से सचेत करने का प्रयास भी किया था | यह बात खुद आयुष शर्मा उर्फ़ पंडित जी ने स्वयं अपने फेसबुक पोस्ट पर कहीं हैं – लिंक पर जाएँ


इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि संकल्प फाउंडेशन के सदस्यों को पूरीं जानकारी थी और इनमे से एक आयुष शर्मा ने इसकी सूचना भी दी थी और 25 जनवरी की रात भी आयुष शर्मा ने एसएसपी को फेसबुक पर मेसेज कर इसके बारे में चेतावनी दी थी फिर भी जानबूझकर इसे नजरंदाज किया गया और सांप्रदायिक तत्वों को हथियार इकठ्ठा करने और हिंसा करने की ढील दी गई | कासगंज में हुई सांप्रदायिक हिंसा में राजनीतिक कुचक्र की बात तत्कालीन एसएसपी सुनील सिंह द्वारा भी कही गई थी जिसके तत्काल बाद उन्हें वहां से हटा दिया गया है |

हाल फिलहाल में प्रदेश सरकार द्वारा लाउडस्पीकर पर रोक लगाने सम्बन्धी दिशा निर्देश दिए जाने के बाद मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर को लेकर संगठन के कुछ सदस्य खासे नाराज थे और उनका कहना था कि मुसलमान आदेश का पालन नहीं कर रहे है जबकि मंदिरों पर ज्यादा बंदिश है | इसकी वजह से कुछ लड़के ज्यादा ही उत्तेजित थे और सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे थे | इसके साथ ही राजपूत गौरव से लैस युवा हिन्दू संगठनों द्वारा हाल फिलहाल में कासगंज में करनी सेना द्वारा पद्मावत फिल्म का विरोध के समर्थन में मार्च निकाला गया था | संकल्प फाउंडेशन के अनुकल्प विजय चन्द्र चौहान ने इसी राजपूत गौरव के अभिमान से लैस होकर “जय राजपूताना” का उद्घोष किया और फिल्म के बहाने शक्ति प्रदर्शन भी किया गया था |   

इसके अलावा हिन्दू अभिमान से लैस संकल्प के सदस्यों ने कासगंज रेलवे स्टेशन के निकट स्थित कम चर्चित लेकिन नाथपंथ से जुड़े बाबा शेरनाथ मन्दिर का जीर्णोधार के उद्देश्य से वहां साप्ताहिक आरती का आयोजन शुरू किया और महंत रतननाथ की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा भी 21-24 जनवरी के बीच भव्य समारोह में की | संकल्प फाउंडेशन के सदस्य वहां प्रतिदिन घटती आस्था से भी चिंतित थे ऐसा उनके फेसबुक पोस्ट पर कहा गया है |

देखने की लिए लिंक पर जाएँ:



यहाँ यह बताना आवश्यक है कि मृतक चन्दन का इस मंदिर से लगाव संगठन की स्थापना के साथ ही शुरू हुआ है हालाँकि की मृतक चन्दन के घर से निकट ही एक शिवालय है और स्थानीय मान्यताओं के अनुसार काफी प्राचीन है | ऐसे में महाआरती के लिए घर से दूर नाथपंथ के मंदिर का जीर्णोधार और प्राणप्रतिष्ठा राजनीतिक आकांक्षा से प्रेरित लगता है | यह बात आयुष के एक मित्र ने भी मानी हैं जो स्वयं भी संकल्प का सदस्य है | उसने बताया कि आजकल अधिकांश युवा योगी और मोदी जी को अपना राजनीतिक आदर्श मानते हैं और उनके जैसा नेता बनाना चाहते हैं|

      इसके अलावा बिलराम गेट में ठंडी सड़क स्थित प्रसिद्ध चामुण्डा मंदिर विवाद एक अन्य पहलू है जिसके कारण एबीवीपी और अन्य हिंदूवादी संगठन मुसलमानों से नाराज थे | मंदिर परिसर के पास कुछ समय पहले ही गेट लगाने को लेकर दोनों सम्प्रदायों में विवाद हुआ था और गेट लगाने के विरोध में आसपास के मुस्लिम लोगों ने धरना भी दिया था क्योंकि उनका कहना था कि यह आम रास्ता है और इसके बंद हो जाने से बस्ती के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा | इस विवाद के कारण पहले भी स्थिति तनावपूर्ण थी जिसे जानबूझकर एबीवीपी, संकल्प फाउंडेशन और अन्य हिंदूवादी संगठनो ने लोगों को भड़काने में प्रयोग किया और 26 जनवरी को साजिशन सांप्रदायिक हिंसा की गई |

      वास्तव में संकल्प फाउंडेशन की एक एनजीओ के रूप में शुरुआत और अपनी स्थापना के एक साल से भी कम समय में उग्र और हिन्दुत्ववादी सांप्रदायिक हिंसा करने वाले संगठन में बदल जाना एक गंभीर चिंता का विषय और इसका विश्लेषण किये जाने की तत्काल आवश्यकता है कि आखिरकार युवाओं का एक संगठन इतने कम समय में ही इतनी बड़ी सांप्रदायिक घटना का सूत्रधार कैसे बन गया | मूलतः इस प्रश्न के दो ही जवाब हो सकते हैं – एक तो यह कि RSS और RSS समर्थित हिंदूवादी संगठनों ने विकास की राजनीति के आडम्बरों के कारण अपने संगठनों को एनजीओ की शक्ल में तब्दील किया है ताकि ऐसे संगठनो को आसानी से समाजसेवा के नाम पर नैतिक स्वीकार्यता मिल जाये और ये संगठन आसानी से अपने कार्य परदे के पीछे से अंजाम दे सकें | दूसरा यह हो सकता है कि युवाओं के नवीन संगठन का इस्तेमाल अप्रत्यक्ष रूप से RSS द्वारा किया गया और समाजसेवा करने वाले युवाओं के संगठन को राजनीतिक आकांक्षा के चलते कठपुतली बनाया गया और उन्हें मुसलमानों के विरुद्ध भड़काया गया | इनमे से वजह कोई भी हो दोनों ही परिस्थितियां गंभीर विश्लेषण की मांग करती हैं कि इसे कैसे रोका जाय और इसके प्रतिवाद कैसे किया जाये| युवाओं में इस तरह की  अतिवादिता भारतीय लोकतंत्र के लिए घातक है और ऐसे में बेरोजगारी, राजनीतिक आकांक्षा, झूठे इतिहासज्ञान, गौरव और अभिमान से लैस युवाओं को किसी भी शत्रु के खिलाफ हिंसा करने के लिए उकसाना कोई मुश्किल काम नहीं है | कासगंज में संकल्प फाउंडेशन इस सांप्रदायिक सियासत का एक उदाहरण भर है कि कैसे एक एनजीओ से शुरुआत करने वाला संगठन जो गरीबों की मदद, सफाई अभियान और रक्तदान के शिविर लगाता था कैसे शेरनाथ मंदिर में घटती आस्था को लेकर चिंतित होने से आगे बढ़कर सांप्रदायिक हिंसा में रक्तपान करनेवाली सियासत का मोहरा बन गया और इसका पहला शिकार संगठन का ही सदस्य अभिषेक गुप्ता उर्फ़ चन्दन हुआ | इसलिए हमें चिंतित होने की आवश्यकता है कि इसका प्रतिवाद क्या होगा |   
(ये लेखक के निजी विचार हैं, आर्टिकल को रिहाई मंच ने जारी किया है)
-सांकेतिक तस्वीर। 
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