Quantcast
Channel: Hindi News Live, Breaking News In Hindi, हिंदी न्यूज़- UPUKLive
Viewing all articles
Browse latest Browse all 68053

बीजेपी सरकार के विज्ञापन में किसी मुस्लिम स्वतंत्रता सेनानी को नही मिली जगह!

$
0
0


अमन पठान
जंग-ए-आज़ादी के शहीद होने वाले आज़ादी के दीवाने सिर्फ भारतीय थे। उन अमर शहीदों को भारतीय ही रहने दो? उन्हें हिन्दू मुसलमान में मत बांटो? मध्य प्रदेश सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर विज्ञापन जारी किया। जिसमें किसी भी मुस्लिम क्रांतिकारी को जगह नही मिली। मोदी जी अमर शहीदों के साथ ये भेदभाव किस लिए?
जिन राज्यों के भाजपा की हुकूमत है वहां के नागरिक हिन्दू मुसलमान में बंट रहे हैं। भाजपाई यही हाल देश का करना चाहते हैं। किताबों में पढ़ा था 'हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, आपस में है सब भाई भाई', लेकिन ये पंक्तियां बेमानी लगती हैं। आजादी के इन 70 साल में हम भारतीय नही बन पाए? धर्म, जाति की जंजीरों से आज़ाद नही हो पाए? देश के सत्यानाशी नेताओं ने हमें कभी भारतीय बनने ही नही दिया। हम सिर्फ दस्तावेजों में भारतीय हैं? अब ये नेता अमर शहीदों को भी हिन्दू मुसलमान में बाँट देना चाहते हैं।
जंग-ए-आज़ादी में 2 करोड़ 72 लाख क्रांतिकारी शहीद हुए। तब हम आज आज़ादी की खुली हवा में साँस ले रहे हैं। देश की खातिर अपने प्राणों की आहुति देने वालों में किसी एक धर्म के लोग शामिल नही थे। हर धर्म हर जाति के लोगों ने अपना बलिदान दिया। जो हम कभी नही भूल सकते। फिर मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के शुभकामना संदेश में भेदभाव क्यों किया?
राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्लाह खान दो जिस्म होते हुए भी एक जान थे। आज दैनिक भास्कर में मध्य प्रदेश सरकार के स्वतंत्रता दिवस के शुभकामना संदेश को देखा तो सरकार की देश भक्ति अच्छी लगी, लेकिन अफ़सोस भी हुआ। क्योंकि उस विज्ञापन में एक भी मुस्लिम अमर शहीद का चित्र या नाम दिखाई नही दिया। विज्ञापन पर 12 अमर शहीदों के फोटो छपे हुए थे। जिनमें से आधा दर्जन अमर शहीदों से हम अच्छी तरह वाकिफ नही होंगे। लेकिन राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्लाह खान को हर भारतीय नागरिक भली भांति जानता है। विज्ञापन में राम प्रसाद बिस्मिल का चित्र देखकर अशफाक उल्लाह खान की याद आ गई। क्योंकि ये ही वो दो क्रांतिकारी हैं जिनका जिक्र एक दूसरे के बिना पूरा नही होता है। मध्य प्रदेश सरकार ने बिस्मिल का चित्र छापकर अशफाक उल्लाह खान और राम प्रसाद बिस्मिल के प्रेम की तौहीन की है। अशफाक उल्लाह खान की लिखीं इन पंक्तियों के साथ बात ख़त्म।

जाऊँगा खाली हाथ मगर, यह दर्द साथ ही जायेगा;जाने किस दिन हिन्दोस्तान, आजाद वतन कहलायेगा।
बिस्मिल हिन्दू हैं कहते हैं, फिर आऊँगा-फिर आऊँगा; ले नया जन्म ऐ भारत माँ! तुझको आजाद कराऊँगा।।
जी करता है मैं भी कह दूँ, पर मजहब से बँध जाता हूँ; मैं मुसलमान हूँ पुनर्जन्म की बात नहीं कह पाता हूँ।
हाँ, खुदा अगर मिल गया कहीं, अपनी झोली फैला दूँगा; औ'जन्नत के बदले उससे, इक नया जन्म ही माँगूँगा।।



Viewing all articles
Browse latest Browse all 68053

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>