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“देवबंद” ‘भारत माता की जय’ के ख़िलाफ़ तो फतवे जारी करता है लेकिन आतंकवाद के खिलाफ नहीं

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जयपुर। केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि दारूल उलूम देवबंद को भारत माता की जय के नारे लगाने वालों के खिलाफ फतवा जारी करने के बजाय आतंकवाद के खिलाफ फतवा जारी करना चाहिए था। हिंदुस्तान के अनुसार यहाँ आयोजित एक प्रोग्राम में साध्वी ने कहा देवबंद में भारत माता की जय न बोलने के लिये तो मुस्लिम मजहबी नेता फतवे जारी करते हैं लेकिन आतंकवाद के खिलाफ नहीं। अगर वे आतंकवाद के खिलाफ भी फतवा जारी करते तो मैं उसका स्वागत करती। आतंकवाद आज दुनियां के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। सियासत के अनुसार आप को बता दें कि पिछले दिनों दारुल उलूम देवबंद और इण्डिया की हर मुसिलम संस्थान ने आतंकवाद की हमेशा कड़ी निंदा की है कई बार तो आतंकवाद के खिलाफ देश भर में जमाते इस्लामी और जमियत उलमाए हिन्द (जो दारुल उलूम का ही अंश है ) ने मुजाहरे किए हैं.
उन्होंने कहा कि हाल ही में JNU में देश विरोधी नारे लगाए गए और यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के बाद से देश में सर्वाधिक समय तक शासन करने वाली पार्टी के नेताओं ने जेएनयू जा कर उन लोगों का पक्ष लिया। बढ़ती आबादी पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों की दो से ज़्यादा  बच्चे हैं उन्हें सरकारी सुविधाओं से वंचित कर दिया जाना चाहिए। आरएसएस के विचारक राकेश सिन्हा ने हिंदू समुदाय के महत्व के बारे में अपनी बात रखी और जोर दिया कि लोगों को देश में सांस्कतिक संतुलन बनाए रखने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देश आबादी में वद्धि के कारण सांस्कृतिक असंतुलन का शिकार हो गए।

आप को बता दें कि दारुल उलूम देवबंद ने भारत माता की जय बोलने के मसले पर गुरुवार को फतवा जारी किया है.जिस में दारुल उलूम ने कहा है कि जिस तरह मुसलमान वंदे मातरम नहीं बोल सकते इसी तरह मुस्लिम ‘भारत माता की जय’ भी नहीं बोल सकते. क्यूंकि मुसलमान सिवाए अल्ल्लाह के किसी की वन्दना और इबादत (पूजा ) नहीं कर सकते और किसी दूसरी चीज़ या इन्सान को माबूद (भगवान) नहीं मान सकते, क्यूंकि यह इस्लाम मज़हब के खिलाफ है , इसके बाद से विवाद और तेज हो गया है. बता दें कि ‘भारत माता की जय’ बोलने या ना बोलने को लेकर पिछले कुछ दिनों से जमकर बहस छिड़ी हुई है। 

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