बस्ती।उत्तर प्रदेश के जनपद बस्ती में एक बार फिर यूपी पुलिस का बेशर्म चेहरा सामने आया है, जहां सवर्णों की पिटाई से दलित महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई। पुलिस पीड़िता को मेडिकल के नाम पर 5 दिनों से अस्पताल के चक्कर कटवाती रही।
बस्ती जनपद के लालगंज थाना क्षेत्र के सोहिला गांव में गर्भवती दलित महिला बीडीसी को गांव के ही आधा दर्जन सवर्णों ने पीट दिया, जिसकी वजह से गर्भ में पल रहे 3 माह के बच्चे की मौत हो गई। वहीं पीड़ित महिला और उसका पति थाने पर सवर्णों के खिलाफ तहरीर दी, जिस पर पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए पीड़ित महिला ने पुलिस पर सुलह करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। दबंगों की पिटाई से महिला की हालत गंभीर होने लगी जिसकी वजह से उसे जिला महिला अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए लाया गया। जहां पर डाक्टरों ने पुलिस केस कहकर भर्ती करने से मना कर दिया।
सवर्णों समजवादी पार्टी से सम्बन्ध रखते हैं, इसलिए थाना लालगंज पुलिस मामले की लीपा पोती में जुटी है। थानेदार साहब और प्रधान ने पीड़िता पर सुलह करने का दबाव बना रहो हैं। जब महिला नहीं मानी तो उसे धमकी दी जाने लगी, प्रेस में मामला आने के बाद महिला को मेडिकल के लिए भेज तो दिया गया पर मेडिकल के नाम पर दर्द से कराहती महिला को इस अस्पताल से उस अस्पताल का चक्कर पूरे दिन लगवाया गया।
शाम ढलने के बाद उसे पुलिस वालों ने ये कहकर जाने को कहा कि मेडिकल अब कल होगा, 5 दिनों से दर्द से कराहती महिला पर पुलिस का दिल नहीं पसीजा।
लालगंज थाने का यह पहला मामला नहीं है, यहां के थानेदार पर सत्ताधारी नेता का हाथ है, इसीलिए इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। मीडिया के कैमरे में कैद तस्वीरें इस थानेदार की हकीकत बयां करती है।
आईजी की मीटिंग हो या डीआईजी की ये साहब सोते ही रहते हैं। वहीं मामले को एसपी कृपा शंकर सिंह संज्ञान में लेते हुए महिला को मेडिकल के लिए भर्ती करवाया। साथ ही पूरे मामले का सीओ को जांच करने का निर्देश दिया है, एसपी ने कहा की जांच रिपोर्ट आने के बाद जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
( सोर्स पंजाब केसरी यूपी ) ( जनउदय )