प्रतिष्ठित हार्वर्ड केनेडी स्कूल की छात्रा राना अब्देलहमीद जब 16 वर्ष की थी, तो उसे हिजाब पहनने के कारण न्यूयार्क की सड़को पर अपमानित होना पड़ा था। एक मनचले ने दिन दहाड़े उसका हिजाब छीनकर भागने की कोशिश की, लेकिन इस अपमानजनक घटना ने अब्देलहमीद को अंदर से और मजबूत बना दिया।
न्यूयार्क। प्रतिष्ठित हार्वर्ड केनेडी स्कूल की छात्रा राना अब्देलहमीद जब 16 वर्ष की थी, तो उसे हिजाब पहनने के कारण न्यूयार्क की सड़को पर अपमानित होना पड़ा था। एक मनचले ने दिन दहाड़े उसका हिजाब छीनकर भागने की कोशिश की, लेकिन इस अपमानजनक घटना ने अब्देलहमीद को अंदर से और मजबूत बना दिया।
डरने की बजाय उसने महिला सशक्तीकरण को अपना मकसद बना लिया। 22 वर्षीय अब्देलहमीद ने अपनी जैसी लड़कियों और महिलाओं को आत्म सुरक्षा के गुर सिखाना शुरू कर दिया।
वर्मांट मिडिलबरी कॉलेज की ग्रेजुएट राना अब्देलहमीद का कहना है कि अमेरिका में मुस्लिमों खासतौर पर मुस्लिम महिलाओं के लिए सुरक्षा संबंधी चुनौतियां काफी बढ़ गई हैं।
पेरिस और सेन बर्नारदिनो कांड के बाद हालात और खराब हो गए हैं। राना अब्देलहमीद के अनुसार, “अब हमें धमकी भरे फोन कॉल्स ज्यादा आने लगे हैं। जिसमें मुस्लिम होने के नाते खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी जाती है।”
कई वर्षों से वह मानवाधिकार कार्यकर्ता रोबिना नियाज द्वारा संचालित ग्रुप “दा वूमेन इनिशिएटिव फॉर सेल्फ एंपावरमेंट” के केंद्र में महिलाओं को आत्म रक्षा दांवपेंच सिखा रही हैं।
बकौल नियाज, “राना अब्देलहमीद महिला सशक्तीकरण की एक बेमिसाल है। अगर हम अपनी लड़कियों में भरोसा करें तो वह नायाब कार्य कर सकती हैं। उसने अपनी जैसी कई निडर लड़कियां तैयार कर दी है जो किसी भी धमकी के आगे घुटना टेकने के लिए तैयार नहीं हैं।”
राना बताती हैं, “हम महिलाओं में आत्म रक्षा के साथ-साथ नेतृत्व क्षमता के गुण भी विकसित करने का काम कर रहे हैं। हम अपनी जैसी लड़कियों को रोल मॉडल बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं।”