नई दिल्ली।जज अंकल, हमारे स्कूल में छात्रों की क्षमता तो केवल 1500 है, लेकिन यहां करीब 5000 बच्चों को दाखिला दे दिया गया है। इस कारण एक दिन छोड़कर अगले दिन या दूसरे दिन कक्षा में बैठने का नंबर आता है। मेरी पढ़ाई चौपट हो रही है, मुझे रोज स्कूल जाना है।
यह दलीलें देते हुए उत्तर पूर्वी दिल्ली के सोनिया विहार स्थित राजकीय बाल-बालिका उच्चतर माध्यमिक स्कूल की एक छात्र ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली सरकार से मामले में जवाब-तलब किया है।
नई दुनिया की रिपोर्ट के अनुसार अदालत ने कहा कि सरकार एक हफ्ते के भीतर मामले में अपना पक्ष रखें। मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी। अदालत ने सरकार से पूछा है कि वह स्पष्ट बताए की स्कूल में वर्तमान में कितने बच्चे हैं। स्कूल की कितने बच्चों की क्षमता है। रिपोर्ट में बताया जाए कि कितने बच्चे क्षमता से अधिक हैं।
इससे पूर्व 12 जुलाई को अदालत ने इस मामले में दिल्ली सरकार से जवाब मांगा था। मंगलवार को सरकार की तरफ से पेश हुए न्याय सहायक अनिल कौशिक ने अदालत को बताया कि किसी कारण से सरकार के वकील अदालत में पेश नहीं हो पाए हैं। ऐसे में मामले की सुनवाई स्थगित कर दी जाए।
इसके बाद अदालत ने मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख तय कर दी। अधिवक्ता अशोक अग्रवाल के माध्यम से दायर याचिका में छात्र ने कहा है कि स्कूल में बैठने के लिए बेंच कम पड़ जाती हैं। इस कारण रोज स्कूल जाना संभव नहीं हो पाता। वह एक दिन छोड़कर स्कूल जाती है।
अधिवक्ता के अनुसार स्कूल में बुनियादी सुविधाओं की भी घोर कमी है। शौचालयों में गंदगी फैली रहती है। पीने का साफ पानी नहीं है। छात्रों की संख्या अधिक होने से उन्हें पढ़ने में परेशानी आ रही है। वहीं, अधिवक्ता ने सोनिया विहार से सटे खजूरी खास सरकारी स्कूल में सिंतबर 2009 में हुई भगदड़ का हवाला भी दिया।
बताया गया कि उस हादसे में कई छात्रएं घायल हुई थीं। ऐसे में सोनिया विहार के स्कूल में बच्चों की अधिक संख्या होने से अनहोनी होने का खतरा बना हुआ है। अदालत सरकार को बच्चों के लिए नई कक्षाएं बनवाने या अलग से स्कूल में पढ़ाई की व्यवस्था करने का निर्देश जारी करें।