राजस्थान यूनिवर्सिटी से संबंधित कॉमर्स कॉलेजों और मैनेजमेंट के पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज में भगवद् गीता और रामायण शुरू की गई है। सरकार के इस फैसले का अब मुस्लिम संगठन ने विरोध करना शुरू कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुस्लिम संगठनों का कहना है कि अगर गीता और रामायण से मैनेजमेंट के गुर सीखे जा सकते हैं तो फिर अन्य धर्मों के ग्रन्थों को भी शामिल किया जाना चाहिए। मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि इस तरह से सरकार एक धर्म विशेष को फायदा पहुंचा रही है। जिससे देश की धर्म निरपेक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
मुस्लिम संगठनों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि इस तरह के नियमों से सरकार देश की धर्म निरपेक्ष छवि को नुकसान पहुंचा रही है। सरकार को अपने निर्णय को वापस लेना होगा, नहीं तो कोर्ट में इस निर्णय का विरोध किया जाएगा। विरोध प्रदर्शन में जमात-ए-इस्लामी हिन्द, दलित मुस्लिम एकता मंच, स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन, ऑल इंडिया मिल्ली कॉउन्सिल के कार्यकर्ता शामिल थे।