नफरत करने वालों को नफरत करने के लिए किसी बहाने की ज़ुरूरत नहीं होती, बस चूँकि दिलों में बुराई समायी होती है इस लिए नफरत करते हैं। अल्लाह ने अपने बन्दों को मुहब्बत से जीना सिखाया है और मुहब्बत का पैग़ाम ही अल्लाह के रसूल हज़रत मुहम्मद मुस्तफा (सल०) ने तमाम आलम के इंसानों को पहुँचाया है। अल्लाह की किताब (क़ुरआन) और उसका कलाम तमाम दुनियां के लोगों के लिए है।