नई दिल्ली ।कभी आतंकी हमले की शिकार हुईं नोबल विजेता मलाला युसुफजई और उनका परिवार अब अरबपति बन गया है। इसके पीछे मलाला के बेस्टसेलर बुक और पूरे वर्ल्ड में उनके मोटिवेशनल लेक्चर्स से मिलने वाली इनकम है।
18 वर्षीय मलाला को तालिबानियों ने सिर में गोली मार दी थी। हालांकि, वह तालिबानियों के इस हमले में बच गई थीं। मलाला ने स्वाट घाटी में अपनी जिंदगी के बारे में अपनी जीवनी ‘आई एम मलाला’ में लिखा है। इस बुक को उन्होंने संडे टाइम्स के पत्रकार क्रिस्टिना लैंब के साथ मिलकर लिखा था।
मलाला की इस बुक के राइट्स को सुरक्षित करने के लिए एक कंपनी बनाई गई है। साल 2015 में इस कंपनी के बैंक अकाउंट में 20 करोड़ रुपए से ज्यादा थे। कंपनी ने बिना टैक्स की कटौती के 10 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था। टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मलाला के पिता जियाउद्दीन युसुफजई और उनकी मां तूर पेकई सलारजई लिमिटेड ना की इस कंपनी के ज्वाइंट शेयर होल्डर्स हैं। अब वे बरमिंघम में रह रहे हैं और यहीं पर मलाला भी पढ़ रही हैं।
मलाला की जीवनी अक्टूबर 2013 में प्रकाशित हुई थी। इस बुक को पब्लिश करे को लेकर मलाला और प्रकाशक के बीच करीब 18 करोड़ रुपए की डील हुई थी।