नई दिल्ली ।देश के छह लाख शहरों ओर गांवों में से 704 के नाम पहले छह मुगल शासकों के नाम पर है। ये नाम बाबर, हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब पर है। 1526 में पानीपत की लड़ाई के बाद मुगल राज की स्थापना हुई।
हालांकि बीच में 14 साल के लिए शेरशाह सूरी का शासन भी रहा। अकबर के नाम पर देश में 251 गांवों के नाम हैं। उत्तर प्रदेश में 396 गांवों के नाम मुगल शासकों पर हैं। ये नाम हैं अकबरपुर, औरंगाबाद, हुमायूंपुर और बाबरपुर है।

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री वीके सिंह की ओर से अकबर रोड का नाम बदलकर महाराणा प्रताप रोड करने की मांग के बाद इतिहास को लेकर एक बार फिर से विवाद खड़ा हो गया है। वीके सिंह से पहले भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी और फिर बुधवार को शायना एनसी ने भी इस मांग को दोहराया।
शायना एनसी ने तो अकबर की तुलना हिटलर की कर दी और इजरायल का उदाहरण भी दे दिया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ”कोई देश हमारी तरह अत्याचारी शासकों का सम्मान नहीं करता।” पिछले साल दिल्ली में औरंगजेब रोड का नाम बदलकर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड कर दिया था। उस समय भाजपा सांसद महेश गिरी ने यह मांग रखी थी। जिसे तुरंत मान लिया गया था।
कहा गया था कि औरंगजेब क्रूर शासक था और उसके बजाय कलाम पर सड़क का नाम रखना उचित है। लेकिन मुगल जो भारतीय इतिहास का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। उनकी बनाई कई ऐतिहासिक इमारतें उनके योगदान को दर्शाती है। इसके अलावा पूरे देश में मुगल शासकों के नाम से कई शहर और गांव बसे हुए हैं।