अमित आलोक
पटना।शराबबंदी के बाद शराबी व शराब कारोबारी रोज नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं। कहीं जमी दही के अंदर तो कहीं एंबुलेंस में शराब की बोतलों को इधर-उधर किया जा रहा है। यहां तक कि शौचालयों में भी शराब छिपाई जा रही है। अब तो सर्जिकल स्प्रिट से भी (जानलेवा) शराब बना नशे की तलब मिटाई जाने लगी है। शराबी बिना रिस्क लिए शराब की होम डिलेवरी के लिए मुंहमांगी कीमत देने को तैयार हैं।
कुएं में छिपाकर रखीं बोतलें
मुंगेर के महुली गांव में पुलिस ने बुधवार व गुरुवार को 24,973 विदेशी शराब की बोतलें जब्त कीं। ये बोतलें तीन कुओं में छिपा कर रखी गयीं थी।
शौचालय से भी शराब
शराबबंदी का कानून लागू होने के कुछ ही दिन हुए थे कि पुलिस ने मधुबनी जिले के झंझारपुर में शौचालय में छिपाकर रखी शराब की बोतलें बरामद कीं। वहां जमीन खोदकर छिपाई गईं 51 बोतल विदेशी शराब भी मिली। बीते आठ अप्रैल को गोपालगंज के भोरे में भी जमीन में गाड़कर रखी शराब को पुलिस ने बरामद किया था।
एंबुलेंस से हो रही ढुलाई
शराबबंदी के बाद पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी के दर्जनों मामले पकड़े जा चूके हैं। इनमें सबसे दिलचस्प है पूर्णिया के बायसी के पास वाहन जांच के दौरान पश्चिम बंगाल से आ रही एक एम्बुलेंस से शराब की तस्करी का। शराबबंदी के आरंभिक दौर में रूटीन वाहन जांच के दौरान वहां एंबुलेंस से शराब की बोतलें मिलीं थीं।
ट्रेनों की पेंट्री कार से सप्लाई
बीते दो मई को डिब्रूगढ़-राजधानी एक्सप्रेस के ट्रेन उपाधीक्षक भागचंद्र शर्मा दो बोतल शराब के साथ पकड़े गए। ट्रेन की पैंट्री कार में शराब लाई जा रही थी। इसके पहले बीते 25 अप्रैल को पटना रेल पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया जो ट्रेनों के माध्यम से शराब की सप्लाई करता था।
खास बात यह है कि इस गिरोह में काम करने वाले सारे लोग राजधानी, श्रमजीवी और संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस जैसी वीआइपी गाडिय़ों के पेंट्री सर्वर मिले। पुलिस ने छापेमारी में विभिन्न ब्रांडों की शराब की बोतलों के साथ चार लोगों को गिरफ्तार किया। इसके अलावा रेल पुलिस कई ट्रेनों में छापेमारी कर भारी मात्रा में शराब बरामद कर चुकी है।
सर्जिकल स्प्रिट से बन रही शराब
शराबबंदी के बाद विकल्प की तलाश में जुटे लोगों ने सर्जिकल स्प्रिट से शराब बनाने का नुस्खा आजमाना शुरू कर दिया है। आंतरिक उपयोग के लिए वर्जित सर्जिकल स्प्रिट जीवन के लिए जहर है। फिर भी लोग हैं कि नहीं मान रहे। प्रतिबंध के दायरे से बाहर होने के कारण यह सर्जिकल दुकानों में आसानी से उपलब्ध है।
सर्जिकल स्प्रिट से शराब बनाकर पीने का एक मामला हाल ही में पटना जगदेव पथ के पास पकड़ा गया। इसमें एक पारा मेडिकल प्रोफेशनल सर्जिकल स्प्रिट की 400 मिलीलीटर की बोतल के साथ पकड़ा गया, जिसमें से आधा का वह पानी मिलाकर शराब के रूप में उपयोग कर चुका था।
ब्रांड के नाम भी अजब-गजब
बीते 27 अप्रैल को सिवान पुलिस ने यूपी में बनी देसी शराब की बोतलों के साथ नौ लोगों को पकड़ा। खास बात यह कि शराब की इन बोतलों के नाम 'बंटी-बबली'व 'कैटरीना'थे। इस बीच मधुबनी से यूपी की देसी शराब ब्रांड 'लैला'की कई बोतलें मिलीं। इन 'बंटी-बबली, 'कैटरीना'व 'लैला'के दीवाने इनके लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं।
छिपाकर होम डिलेवरी
जाहिर है, डिमांड है तो सप्लाई की व्यवस्था होगी ही। बताया जाता है कि शराब खरीदकर घर लाने की रिस्क उठाने के बदले कुछ लोग इनकी होम डिलेवरी ले रहे हैं। इसके लिए आपूर्तिकर्ता बोतलों को दूध-दही के भीतर छिपाकर भी ले जा रहे हैं। जमे दही के भीतर बोतल है, इसपर शक भी नहीं जा रहा। घरों में इन्हें लिविंग रूम व फ्रीज के बदले शौचालय तक में छिपाया जा रहा है।
जारी है शह-मात का खेल
शराब कारोबारियों, पीने वालों व पुलिस-प्रशासन के बीच जारी शह-मात के खेल के बीच शराबबंदी लागू होने के बाद एक महीने के भीतर करीब 55 हजार लीटर शराब जब्त की जा चुकी है। बिहार उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के आयुक्त कुंवर जंग बहादुर ने बताया कि विभाग शराबबंदी को लेकर गंभीर है। एडीजे (मुख्यालय) सुनील कुमार भी कहते हैं कि शराबबंदी को लेकर पुलिस ने विशेष अभियान शुरू कर रखा है। अभियान जारी है। साभार जागरण