गरीबी, हजारों परेशानियां और इलाके में आतंक और डर का साया। ऐसे में भी अगर कोई ज़िंदादिल इंसान इन सब से पार पाते हुए आगे बढ़ कर एक मुकाम हासिल कर लेता है तो वो तारीफ और हौसलाअफजाई का भागीदार बनता ही है।
यह कहानी है कश्मीर घाटी में रहने वाले 19 साल के होनहार लड़के शकील अहमद दार की जिसने जेईई यानि जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन में उम्दा रैंक लाकर पूरे देश में अपनी माँ, अपनी कौम और अपने गाँव का नाम रौशन किया है। लेकिन इस लड़के की मजबूरी देखिये कि एग्जाम पास कर अच्छ रैंक लाने के बावजूद वो आईआईटी एडवांस के इम्तिहान में नहीं बैठ पाया है क्यूंकि उनके पास फीस भरने के पैसे नहीं थे।
१९ साल के इस होनहार लड़के शकील अहमद दार के पिता गुज़र चुके हैं और उसकी माँ बकरियां पाल कर परिवार का खर्च चला रही है। पिता की मौत के बाद धीरे धीरे अपना कीमती सामान बेच चुके परिवार को आप सभी की मदद की दरकार है ताकि यह होनहार नौजवान बच्चा अपनी पढ़ाई पूरी कर सके और अपना और अपने परिवार का खर्च उठाने के साथ-साथ अपनी कौम का नाम भी रोशन कर सके।