अज़हर उमरी | UPUKLive
नई दिल्ली। 29 अप्रैल को अन्तर्राष्ट्रीय सतह पर हिंदुस्तानी मुसलमानों के शिक्षा के हवाले से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जो इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर और वर्टेक्स इवेंट के सौजन्य से कराया गया। जिसमें दुनिया भर की कई नामवर शख्सियात ने शिरकत की। इसमें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक किरदार की हिफाज़त के लिए भारत सरकार से न्यायिक और निष्पक्ष कदम उठाने की अपील की गयी।
अपने स्वागत भाषण में अल मक्का कल्चरल सेंटर के कनविनर मुरशिद कमाल ने कहा कि हिंदुस्तानी मुसलमान तालीमी मैदान में कई मुशकिलात का सामना कर रहे हैं और मुसलमानों को इससे निजात दिलाना जरूरी है। ताकि उनको आगे तालीम के लिए मुशकिलात न हों।
मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी के वाइस चाँसलर जनाब जफर सुरेशवाला ने कहा कि हम तमाम तर पार्टियों को सरकार बनाने में अपनी ताक त लगा देते हैं, अगर यही ताकत हम तालीम हासिल करने में लगाएं तो बेहतर है।
बतौर मुख्य अतिथि जनवाब अब्दुल करीम चेयर हयूमन डेवलपमेंट अथार्टी ने एक मकाला पेश करते हुए तालीम पर जोर दिया।