लखनऊ। देश में चुनावी सरगर्मी अपने चरम पर है। जंहा एक और आसाम और बंगाल में विधान सभा चुनाव चल रहा है। वही तमिलनाडु में 16 मई को विधान सभा चुनाव है। जबकि अगले वर्ष यूपी और गुजरात जैसे बड़े राज्य में चुनाव है। ऐसे में चुनावी सरगर्मी अभी से तेज हो गई है। कांग्रेस अपनी डूबती नैया को बचाने को हरसंभव प्रयास में जुटी है।
इसी क्रम में संकेत ऐसा मिल रहा है कि उत्तर प्रदेश विधान सभा में कांग्रेस लोगों को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के लिए लोगों को चौका सकती है। कांग्रेस पार्टी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर मानते है कि इस बार उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी का चेहरा ही कांग्रेस की डूबती नैया को पार लगा सकती है, और इसलिए राहुल गांधी को मुख़्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाना चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने कहा कि लोगों को यह यकीन सिर्फ राहुल गांधी का चेहरा ही दिला सकता है कि उत्तर प्रदेश का विकास केवल राहुल गांधी ही कर सकते है क्योंकि उत्तर प्रदेश उनका पैतृक निवास स्थान है। जो विश्वास राहुल गांधी पर अमेठी में जनता ने किया वो विश्वास कांग्रेस को पुरे उत्तर प्रदेश में हासिल करना होगा। इसके लिए सिर्फ एक चेहरा है और वो राहुल गांधी है।
प्रशांत किशोर मानते है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश का विधान सभा चुनाव एक ट्रायल होगा कि उत्तर प्रदेश की जनता क्या चाहती है क्योंकि उत्तर प्रदेश देश के सबसे बड़े विधान सभा और संसदीय क्षेत्र है। यदि राहुल गांधी मुख़्यमंत्री उम्मीदवारी के लिए नहीं मानते है तो प्रियंका गांधी दूसरा सबसे प्रबल उम्मीदवार है। हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने अभी मुख्यमंत्री उम्मीदवारी का नाम आउट नहीं किया है। लेकिन ऐसे कयास लगाया जा रहा है कि 19 मई के बाद पार्टी में बदलाव और उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के लिए निर्णय लिया जाएगा।
वैसे पार्टी जो निर्णय ले। लेकिन राहुल गांधी इसके लिए राजी नहीं होंगे क्योंकि उन्हें दिल्ली का सिहासन दिख रहा है। एक तरफ जंहा नितीश कुमार प्रधानमंत्री पद की दावेदारी ठोक रहे है। वही लालू प्रसाद यादव और शरद यादव ने इसकी पुष्टि भी कर दी है। ऐसे में राहुल गांधी के लिए बेहतर होगा कि उत्तर प्रदेश में अपनी किस्मत आजमा लें। ऐसे ना हो की दिल्ली के सपने में यूपी भी निकल जाये। ऐसे में राहुल गांधी को केवल एक ही मौका है।