झाँसी। बुंदेलखंड में सूखे और आर्थिक तंगी से परेशान एक और किसान ने गुरुवार को मौत के गले लगा लिया. खस्ताहाली का आलम यह था कि घर में एक अन्न का दाना नहीं था और पांच बच्चे तीन दिनों से भूखे थे. बच्चों को भूखा देख कर्ज तले दबे किसान ने आखिरकार फांसी लगाकर जान दे दी.
सूचना पर पहुंचे डीएम ने मदद के सभी निर्देश दिए हैं. बदौसा इलाके के रहने वाला 33 साल का बबली यादव किसान था. जिसनें गुरुवार को घर के आंगन में फांसी लगा कर सुसाइड कर लिया. ईटीवी उप्र की रिपोर्ट के अनुसार मृतक की पत्नी सुनीता ने बताया कि बबली के पास जमीन नहीं थी. उसने किराए पर दो बीघा खेत लिया था. उसने कई लोगों से कर्ज लेकर फसल बोई थी.
लेकिन साल भर की मेहनत के बाद कुल 8 मन गेंहू पैदा हुआ. इसमें 1 मन गेहूं कटाई करने वाले मजदूर और 7 मन खेत मालिक ने ले लिया था. इसी से परेशान होकर उसने सुसाइड कर किया. वहीं, इस मामले में डीएम बांदा योगेश कुमार ने मृतक परिवार को सभी योजनाओं के तहत मदद करने के निर्देश दिए हैं.