घर में शादी की तैयारियां पूरी हो चुकी थीं. घर सज चुका था. मेहमान आ चुके थे. दुल्हन के हाथों में मेहंदी लगी थी, लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि दुल्हन ने अपनी जान दे दी. बिहार के भागलपुर के एक घर में लड़की की शादी की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं, लेकिन लड़की ने शादी से ठीक एक दिन पहले इतना बड़ा कदम उठा लिया और अपनी जान दे दी.
प्रदेश १८ की रिपोर्ट के अनुसार भागलपुर के इशाकचक थाना क्षेत्र के विषहरी के पास सोमवार यानी 18 अप्रैल की शाम जूही की शादी होने वाली थी, लेकिन उसने शादी से एक दिन पहले रविवार रात को ही फांसी लगा कर अपनी जान दे दी. दरअसल, यह जूही की दूसरी शादी थी. तीन साल पूर्व उसके पहले पति उमाशंकर ने भी फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी. लेकिन शादी से ठीक एक दिन पहले ऐसा क्या हो गया कि जूही ने अपनी जान ही दे दी.
आत्महत्या करने से पहले जूही ने आखिरी बार से शब्द कहे थे- यह मैसेज नहीं है, जो मोबाइल से तुरंत डिलीट कर दूं...उमाशंकर मेरे दिल में बसा है, भला उसे मैं कैसे डिलीट करूं...? इतना कहकर जूही रोने लगी. जूही के हाथों में अपने प्रेमी के नाम की मेहंदी लगी रही थी. हाथों में रच रही मेहंदी देखकर अचानक जूही रोने लगी. उसे अपने पहले पति उमाशंकर की याद आ रही थी. वह रो-रोकर कह रही थी कि वे उसे नहीं भूल पाई है. उमाशंकर उसके दिल में बसा है, जिसे वह कभी नहीं भूल सकती. गौरतलब है कि उमाशंकर की मौत के बाद जूही त्रिभुवन कुमार नाम के व्यक्ति के संपर्क में आई. त्रिभुवन औरंगाबाद का रहने वाला है. पहले तो जूही और त्रिभुवन के बीच सिर्फ दोस्ती थी, लेकिन धीरे-धीरे ये दोस्ती नजदीकी में बदली और फिर दोनों में प्यार हो गया. त्रिभुवन और जूही ने शादी करने का मन बना लिया. जूही के घरवाले भी इस शादी के लिए राजी हो गए और 18 अप्रैल का दिन शादी के लिए मुकर्रर हुआ. हालांकि त्रिभुवन के परिवार को इस शादी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.
त्रिभुवन जूही के साथ शादी करने के लिए 15 अप्रैल को पटना से भागलपुर आ गया. दोनों की शादी की तैयारियां होने लगीं. सब लोग बहुत खुश थे. 17 अप्रैल की शाम विधवा जूही ने एक बार फिर अपने हाथों में मेहंदी रचाई. इस बार जूही के हाथों में त्रिभुवन के नाम की मेहंदी थी. मेहंदी की रस्म हंसी-खुशी पूरी हो गई. इसके बाद जूही अपने कमरे में आ गई. अचानक जूही ने कंप्यूटर ऑन किया और अपनी पहली शादी की तस्वीरें देखने लगीं. अपनी और उमाशंकर की पुरानी तस्वीरें देखकर जूही अचानक रोने लगी. इसी बीच त्रिभुवन जूही के कमरे में आ गया. त्रिभुवन ने जूही से कहा कि उसे अब पुरानी बातें और पुरानी यादें दोनों को भूल जाना चाहिए. उसने कहा कि अब जूही की नई जिंदगी उसके साथ शुरू होने वाली है तो उसे खुशी-खुशी अपनाना चाहिए. लेकिन जूही त्रिभुवन की बातें सुन अचानक झल्ला उठी...
जूही त्रिभुवन पर भड़कने लगी और जोर-जोर से रोने लगी. वह रोते-रोते कह रही थी कि उमाशंकर मेरे दिल में बसा है. वह कोई मोबाइल का मैसेज नहीं है जो एक बटन दबाया और मेमोरी से डिलीट हो जाए. मैं उमाशंकर को ऐसे नहीं भुला सकती. इतना ही नहीं, जूही ने उमाशंकर से कहा कि अभी शादी भी नहीं हुई है और तुम अभी से मुझपर अपने हुक्म चलाने लगे हो. इसी बात को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई और यह कहासुनी काफी बढ़ गई.
जूही के रोने और चिल्लाने की आवाज सुनकर उसकी मां रेणु सिन्हा, पिता दिलीप सिन्हा समेत अन्य परिवार वाले वहां पहुंचे. सभी ने जूही को समझाने की कोशिश की. लेकिन जूही शायद तब तक काफी अपसेट हो चुकी थी. उसने कहा कि वह वॉशरूम जाना चाहती है और ये कहकर वे ऊपर वाले बाथरूम में चली गई. इसके बाद शादी की रस्म होनी थी. रस्म के लिए जूही को बुलाया गया. लेकिन जूही नहीं आई.
काफी देर तक जूही के रस्म में ना आने पर जूही की तलाश शुरू की गई. कई लोगों को जूही को बुलाने उसके कमरे में भेजा गया, लेकिन जूही ने दरवाजा नहीं खोला. इसके बाद त्रिभुवन खुद जूही को बुलाने उसके कमरे में पहुंचा तो उसने देखा कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद है. उसने दरवाजे को कई बार खटखटाया, लेकिन कमरे के भीतर से कोई आवाज नहीं आई. इसके बाद त्रिभुवन ने एक खिड़की से कमरे में झांकरकर देखा तो पाया कि जूही फंदे से झूल रही है. त्रिभुवन यह देखकर डर गया उसने जूही के मां-बाप को इसकी इत्तिला दी. इसके बाद इशाकचक पुलिस को जूही की मौत की सूचना दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने झूलते शव को देखा पर रात हो जाने के कारण कमरा नहीं खुलवाया.
सोमवार सुबह दोबारा इशाकचक पुलिस जूही के घर पहुंची और परिजनों की मौजूदगी में कमरे को खुलवाया. भीतर जूही की लाश पंखे से लटकी हुई थी. उसने कोई सुसाइड नोट भी नहीं छोड़ा था. जूही की मां रेणु सिन्हा पटना में ग्रेड नर्स हैं. मां के साथ जूही जगतपुर रोड के फ्लैट में रहती थी. उसी फ्लैट में नीचे त्रिभुवन भी रहता है. जूही की मां ने बताया कि जूही के पहले पति उमाशंकर ने भी आत्महत्या की थी. उमाशंकर की आत्महत्या के बाद जूही चार बार खुदकुशी की कोशिश कर चुकी थी, लेकिन हर बार असफल ही रही. करीब पांच साल पहले जूही ने उमाशंकर से प्रेम विवाह किया था. दोनों से तीन साल की बच्ची मिष्टी उर्फ मीठी भी है. शादी के दो साल बाद आर्थिक तंगी के कारण उमाशंकर ने पटना में आत्महत्या कर ली थी. वह एमबीए कर रहा था, लेकिन घोर आर्थिक संकट से गुजर रहा था. इस कारण पत्नी और बच्चों की भी देखभाल नहीं कर पा रहा था. घर खर्च के लिए अक्सर अपने माता-पिता से पैसे मांगता था और आखिरकार उसने इस ग्लानि से तंग आकर उसने अपनी जान दे दी.
पति उमाशंकर की मौत के बाद जूही डिप्रेशन में चली गई थी. उसे अपने मायके के फ्लैट में चार बार खुदकुशी की कोशिश की, लेकिन हर बार परिजनों ने उसे बचा लिया. लगातार जूही के इस तरह की हरकतों के कारण पटना के रूबेन अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ से उसका इलाज भी करवाया गया था. जूही की मां रेणु सिन्हा पटना में एक ग्रेड नर्स हैं. इस कारण जूही को मां अपने साथ पटना में रखने लगी थी. मां ने उसे बैंकिंग की तैयारी करवाने के लिए कोचिंग ज्वाइन करवा दिया. उसी कोचिंग में त्रिभुवन भी एसएससी की तैयारी करता था. दोनों एक ही फ्लैट में ऊपर-नीचे रहते थे.
त्रिभुवन ने बताया कि जुलाई 2015 से जूही से परिचय हुआ. पहले दोनों में दोस्ती हुई. हमलोग साथ-साथ कोचिंग में पढ़ते थे. धीरे-धीरे हमलोगों की दोस्ती प्यार में बदल गई. जूही ने अपने बारे में सबकुछ मुझे बताया. यह भी कहा कि वह विधवा है और उसे पहले पति से एक बच्ची भी है. यह जानकर भी त्रिभुवन ने जूही से शादी करने की इच्छा जताई, लेकिन उसने (त्रिभुवन) ने इस शादी की जानकारी अपने परिजनों को नहीं दी. जूही की मां रेणु सिन्हा ने बताया कि त्रिभुवन (होने वाला दामाद) की कोई गलती नहीं है. जूही की मौत के लिए उसे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. पुलिस को दिए बयान में रेणु सिन्हा ने कहा है कि जूही अवसाद में थी. वह अपने पहले पति को नहीं भूल पाई थी, इस कारण शादी के एक दिन पूर्व उसने खुदकुशी कर ली. नन्ही सी नतनी मिस्टी उर्फ मीठी को अब कौन देखेगा? उसके माता-पिता कोई नहीं रहे. यह कहकर रेणु रोने लगी.
मेहंदी की रस्म के बाद रविवार को जूही ने अपने माता-पिता से तीन हजार रुपए लिए. उस पैसों ने जूही ने ब्यूटी पार्लर जाकर फेशियल कराया. वहां से वह मार्केटिंग करने बाजार भी गई. बाजार से लौटने के बाद घर में उसने शादी की रस्म में भी भाग लिया. इसके बाद ऊपर के कमरे में जाकर उसने फांसी लगा ली.