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हिस्ट्रीशीटर है करोड़ों का गहना पहनने वाला गोल्डन पुरी बाबा

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उज्जैन।कुम्भ में सोने के करोड़ो रुपयों के गहनों से आकर्षण का केंद्र बना गोल्डनपुरी उर्फ़ गोल्डन महाराज दिल्ली के गांधीनगर थाने का हिस्ट्रीशीटर सुधीर उर्फ़ बिट्टू भगत है। पत्रिका से हुई बातचीत में दिल्ली पुलिस ने भी उसके आपराधिक इतिहास की पुष्टि की है। 

दिल्ली के गांधीनगर थाने के एसएचओ मनोज पन्त ने जानकारी दी है कि सुधीर उर्फ़ बिट्टू भगत के खिलाफ अपहरण और फिरौती समेत तक़रीबन 34 मामले अलग अलग अदालतों में विचाराधीन हैं। पत्रिका को जानकारी मिली है कि अपहरण के एक मामले में जिसमे बिट्टू अभी जमानत पर है ,दिल्ली हाईकोर्ट में उसका ट्रायल चल रहा है। इस बीच सिंहस्थ कुम्भ में मौजूद गोल्डन महाराज का ताम -झाम मध्य प्रदेश के आयकर विभाग की निगाह में आ गया है। 
आयकर निदेशालय में पदस्थ आयकर अधिकारी (हेडक्वार्टर ) सुनील ढोके ने पत्रिका से बातचीत में कहा है कि करोड़ों के गहने पहनने वाले गोल्डन पूरी महाराज विभाग की निगाह में हैं उनसे कभी भी पूछताछ की जा सकती है। गौरतलब है कि सिंहस्थ के दौरान उज्जैन में मौजूद गोल्डन बाबा उर्फ़ बिट्टू भगत सोने के 11 किलो के गहने पहनते है। उन्होंने अपनी सुरक्षा में व्यक्तिगत सुरक्षाकर्मी तो तैनात कर ही रखे हैं,मध्य प्रदेश पुलिस के जवानों को भी गोल्डन बाबा तक पहुँचने वाले भीड़ के नियंत्रण के लिए ड्यूटी देनी पड रही है। 

बिट्टू भगत की मौजूदगी से जूना अखाड़े में नाराजगी 
गोल्डन पूरी महाराज की मेले में उपस्थिति से संत समाज में भारी नाराजगी देखी जा रही है।जूना अखाड़े के कई संतों ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि उन्होंने धन के दम पर जूना अखाड़े में अपनी जगह बना ली जबकि उनकी योग्यता बिलकुल भी नहीं है कि वो हमलोगों के साथ बैठे ,गौरतलब है कि गोल्डी उर्फ़ गोल्डन जूना अखाड़े के बछेंद्र पूरी महाराज हैं शिष्य है और पिछले 16 वर्षों से देश के अलग अलग हिस्सों में आयोजित होने जाने वाले कुम्भ मेले में सोने के बेशकीमती गहनों और विदेशी युवतियों के साथ देखे जाते है। 

गुजरात के कच्छ से सिंहस्थ कुम्भ में आये जूना अखाड़े के एक संत ने कहा कि गोल्डन बाबा की वजह से वास्तविक संत जीवन जी रहे साधुओं के पास लोग कम आते है ,हमें दान दक्षिणा भी कम मिलती हैं|महँगी गाड़ियों ,महँगी घड़ियों के शौक़ीन बिट्टू भगत उर्फ़ गोल्डन महाराज को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को उस वक्त भारी आलोचना का सामना करना पडा था ,जब विधानसभा चुनाव से पूर्व गोल्डन बाबा के साथ उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी ।दिलचस्प यह है कि करोडपति बाबा गोल्डन पुरी के ज्यादातर अनुयायी गरीब तबके के लोग हैं। 

कभी दरजी का काम करता था बिट्टू भगत 
बिट्टू भगत के इतिहास के बारे में बताया जाता है कि एक वक्त गांधीनगर में ही दरजी का काम करने वाला सुधीर उर्फ़ बिट्टू घर से भागकर हरिद्वार चला गया ,कुछ दिनों बाद लौटा तो उसने गांधीनगर में एक मंदिर बनवा दिया ,और फिर धीरे धीरे उसे आश्रम का रूप देकर महंत बन बैठा। गौरतलब है कि वो अपने भक्तों से नकदी की जगह सोना लिया करता था इस बीच उसने दिल्ली के गांधीनगर इलाके में ही रेडीमेड कपड़ों की दूकान भी खोल ली थी। 

पिछले पांच वर्षों में गोल्डन बाबा का चेहरा कई बार बदला ,वो 2007 और फिर 2012 में प्रयाग में हुए कुम्भ मेले में भी शामिल रहा था। जरायम की दुनिया में बिट्टू भगत उर्फ़ सुधीर उस वक्त बेहद चर्चा में आ गया था जब 2007 में 25 लाख रूपए की फिरौती के लिए किये गए एक अपहरण में उसका नाम सामने आया, दिल्ली पुलिस का कहना है कि उन पर जबरदस्ती धन उगाही के भी कई आरोप हैं । 

इस संबंध में गांधीनगर नई दिल्ली के एसपी रविकांत ने कहा कि यह व्यक्ति हमेशा से पुलिस की निगाह में रहा है, नियमित तौर पर दिल्ली पुलिस इसकी गतिविधियों पर निगाह रखे हुए हैं। वहीं जूना अखाड़ा के संत गोपाल गिरि ने कहा कि जूना अखाड़ा विद्वानों, मनीषियों और धर्म एवं संस्कृति की रक्षा करने वाले संतों का अखाड़ा रहा है, आडम्बर करने वालों की इस अखाड़े में कभी कोई जगह नहीं रही है। जो कुछ हो रहा है वो दुर्भाग्यपूर्ण है।

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