काशीपुर | UPUKLive
अब बीआईएमएस, बीयूएमएस, बीएएमएस व होम्योपैथिक, यूनानी ;आयुष चिकित्सकद्ध एलोपैथिक प्रिशक्रिप्शन नहीं लिख सकेंगे। दिल्ली हाईकोर्ट में एमडीए द्वारा दायर याचिका में कोर्ट की द्वय बैच ने यह ऐतिहासिक निर्णय दिया है कि अब आयुष चिकित्सा पद्धति के चिकित्सक, एलोपैथिक मेडिसिन ;माॅर्डन मेडिसिनद्ध में कार्य नहीं कर सकेंगे। अब जिस पद्धति में जो चिकित्सक है वह उसी पद्धतिमें मेडिसिन लिखेंगे, जिससे क्रास पद्धति में कार्य नहीं किया जा सकेगा।
आईएमए काशीपुर अध्यक्ष डा. वीके छाबड़ा ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय आईएमए की दूसरी याचिका में सर्वोच्च न्यायालय ने एनईईटी इम्प्लीमेंट को स्वीकृति दे दी है। इस तरह से आईएमए ने एक ही दिन में सर्वोच्च न्यायालय व दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णयों का स्वागत किया है तथा कहा कि इससे एलोपैथिक मेडिसिन का दुरूपयोग नहीं हो पायेगा व ड्रग रेसिसटेंट की रोकथाम में कमी आयेगी। आईएमए अध्यक्ष ने यह भी बताया कि विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी चैती मेले में 14 अप्रैल से 24 अप्रैल तक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन सेंट जाॅन एम्बुलेंस व रेडक्राॅस सोसायटी द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा।