
लोगों का कहना है कि करीब दो लाख की आबादी होने के बावजूद यहां अग्निशमन केन्द्र नहीं है। हादसा होने पर लोगों को मुरादाबाद व ठाकुरद्वारा पर निर्भर रहना पड़ता है। मुहम्मद लईक ने बताया कि वह कई बार धरना भी दे चुके हैं, लेकिन अभी तक क्षेत्र की यह मांग अधूरी है। प्रदर्शन में जलीस अहमद, अहमद रज़ा, डा. सरबर, कासिम, अर्शमान आदि रहे।