Quantcast
Channel: Hindi News Live, Breaking News In Hindi, हिंदी न्यूज़- UPUKLive
Viewing all articles
Browse latest Browse all 68053

क्या शिया-सुन्नी बिखराव का फायदा उठाने की कवायद में कर्बला भेजे जा रहे एमजे अकबर?

$
0
0
नई दिल्ली।बगदाद से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित यह शहर कर्बला के उस प्राचीन युद्ध की जगह है, जिसका शिया इतिहास और परंपरा में बेहद अहम स्‍थान है। कर्बला की याद में ही हर साल मुहर्रम के दौरान मातम मनाया जाता है। हजरत मोहम्‍मद के पड़पोते इमाम हुसैन की शहादत की जगह होने की वजह से मुस्लिमों के लिए यह शहर पवित्र माना जाता है। इराक के सबसे अमीर शहरों में से एक, कर्बला धार्मिक निर्देशों का एक बड़ा केन्‍द्र है।

मुस्लिम देशों के साथ मेलजोल बढ़ाने के लिए विदेश राज्‍य मंत्री एमजे अकबर मंगलवार को कर्बला जाएंगे। पश्चिम एशिया के दौरे पर निकले अकबर सीरिया, लेबनान और इराक जाएंगे। कर्बला भी उनकी यात्रा का एक पड़ाव होगा।

इकॉनमिक टाइम्‍स के साथ बातचीत में शिया मौलवियों ने नरेंद्र मोदी सरकार के इस कदम का स्‍वागत किया है। उन्‍होंने कहा कि उनके प्रतिनिधिमंडल ने सऊदी अरब की यात्रा से लौटे प्रधानमंत्री से गुजारिश की थी कि वे अपनी यात्राएं सिर्फ सुन्‍नी देशों तक सीमित न रखें। भारत में बड़ी संख्‍या में शिया मुस्लिम रहते हैं।

यूपी, दिल्‍ली, कश्‍मीर और गुजरात के शिया मुसलमानों को रिझाने के लिए बीजेपी लगातार कोशिशें करती रही है। सुन्‍नी-शिया झगड़े की वजह से कई बार शियाओं ने खुलकर भाजपा का समर्थन करने का ऐलान किया है।

अल्‍पसंख्‍यक मामलों के मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कहा कि अकबर का कर्बला दौरा बुरी ताकतों से भारत की लड़ाई के प्रति प्रतिबद्धता को साबित करेगा। उन्‍होंने कहा, ”कर्बला मुस्लिमों के लिए पाक है क्‍योंकि यही वो जगह हैं जहां झूठ की हार हुई थी। यह जगह शांति और त्‍याग का प्रतीक है। भारत भी बुरी ताकतों से लड़कर उनका खात्‍मा करने और अच्‍छी ताकतों से हाथ मिलाने में लगा है।” नकवी ने कहा कि पिछले दो साल में पीएम नरेंद्र मोदी ने मध्‍य पूर्व के अधिकतर प्रमुख मुस्लिम राष्‍ट्रों का दौरा किया है, जिसके परिणाम काफी अच्‍छे रहे हैं।

पीस पार्टी के नेता एमजे खान जो कि अब बीजेपी में हैं, ने कहा कि अकबर की कर्बला यात्रा मोदी सरकार के मुस्लिम देशों तक पहुंच बनाने की कोशिश का नतीजा है। उन्‍होंने कहा, ”नीति सिर्फ कागजों पर नहीं है। यह सिर्फ कूटनीति की बात नहीं है, चाहे यह निवेश के लिए हो, तेल कूटनीति के लिए, भौगोलिक राजनीति के लिए या फिर सामाजिक पहुंच बनाने के लिए। सोच पवित्र है और सरकार यही करने की कोशिश कर रही है।

Viewing all articles
Browse latest Browse all 68053

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>