भारत की महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने रियो में फायनल में हार कर भी इतिहास रच दिया और ओलंपिक में स्पेन की खिलाड़ी से हारने के बाद भी उन्होंने भारत को रजत पदक दिला दिया।
सिंधु जापान की खिलाड़ी नोज़ोमी ओकुहारा को हराकर वीमेंस सिंगल्स बैडमिंटन प्रतियोगिता के फ़ाइनल में पहुंची थीं
शुक्रवार को फ़ाइनल में उनका मुक़ाबला स्पेन की खिलाड़ी कैरोलिना मॉरिन से हुआ जिसमें वह पीवी सिंधू एक के मुकाबले में दो सेटों से हार गयीं।
सेमीफ़ाइनल मुक़ाबले में पहले सेट में सिंधु ने 21-19 से जीत दर्ज की, जबकि दूसरे सेट में उन्होंने ओकुहारा को 21-10 से मात देकर यह मैच अपने नाम कर लिया।
सिंधु ने क्वार्टर फाइनल में दूसरी वरीयता हासिल चीन की यिहान वांग को हराया था।
पांच जुलाई 1995 को तेलंगाना में जन्मी पांच फुट साढ़े 10 इंच लम्बी पीवी सिंधु पहली बार उस समय सुर्खियों में आई थीं, जब उन्होंने 2013 में ग्वांग्झू चीन में आयोजित विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।
इस से पहले भारत की महिला पहलवान साक्षी मलिक ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुये रियो ओलंपिक की कुश्ती प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीत कर भारत को इन खेलों का पहला पदक दिलाया था।
पीवी सिंधू को रजत पदक मिलने के बाद रियो ओलंपिक में भारत दो पदक अपने नाम करने में सफल हुआ है।