नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को भारी विरोध के बीच लोकसभा में मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक पेश किया। सरकार की तरफ से संशोधन विधेयक में दोपहिया वाहनों पर 4 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए भी हेल्मेट अनिवार्य करने का प्रस्ताव दिया गयाा है। हालांकि पगड़ी पहने वाले सिखों को इस नियम से अलग रखा गया है।
एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसार संशोधन विधेयक में 14 साल से कम उम्र के किसी भी कार पैसेंजर की सुरक्षा के लिए सीट बेल्ट या किसी अन्य व्यवस्था की अनिवार्यता का भी प्रस्ताव है। इसका उल्लंघन करने पर 1000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इस बात को संज्ञान में लेते हुए कि कई बाइक सवार केवल फाइन से बचने के लिए हेल्मेट पहनते हैं, बिल में इसे सुरक्षित तरीके से पहनने की बात कही गई है।
अधिकतर संशोधन रोड सेफ्टी को बनाए रखने के नजरिये से पेश किए गए हैं। लगातार ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों के लिए काफी ज्यादा पेनल्टी और लंबी सजा का प्रस्ताव दिया गया है। कॉमर्शियल ड्राइवरों के लिए न्यूनतम शिक्षा की अनिवार्यता में ढिलाई दी गई है। संशोधन प्रस्ताव के मुताबिक अगर उनके पास ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल का सर्टिफिकेट होता तो उन्हें न्यूनतम शिक्षा की शर्त पूरी करने की जरूरत नहीं।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस संशोधन बिल को पेश करते हुए सभी राजनीति दलों से सहयोग मांगा है। गडकरी ने कहा कि देश में रोजाना सड़क हादसों में 400 लोगों की मौत हो रही है। बिल पास होगा तो लोगों की जान बचाने में सक्षम होंगे।
संशोधन बिल में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन जैसे ड्रंकन ड्राइविंग को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस को सक्षम बनाने की कोशिश की गई है। ऐसी स्थिति में ट्रैफिक पुलिस के पास फाइन लगाने के अलावा 3 महीनों के लिए नियम तोड़ने वालों का लाइसेंस निरस्त करने का अधिकार होगा।