बाबू अंसारी | UPUKLive
बिजनौर। यूं तो देश में अल्पसंख्यको को तालीम देने के नाम पर अनेक सरकारी इदारे खुले हुए है जिन्हें सरकारी मदद भी बराबर मिलती रहती है। ऐसे ही एक इदारे का नाम है मदरसा बोर्ड जो देश के अनेक राज्यों में अपनी खिदमत को अंजाम दे रहा है। इस इदारे के अंतर्गत आने वाले तालीमी मरकज वो चाहे स्कूल हो या मदरसे सभी में मुस्लिम समाज के छात्र-छात्राए तालीम हासिल करते है। यहा से तालीम हासिल करने वाले बच्चो को जो सनद दी जाती है सरकार के मुताबिक़ वो देश में चल रहे हिंदी-अंग्रेजी तालीमी इदारो के बराबर ही मान्य होती है। पर हक़ीकत कुछ और है या यूं कहे की सरकार का ये ऐलान एक जुमला भर है। जिसकी जमीनी हक़ीकत कुछ और ही है।
मदरसा बोर्ड की सनद के बारे में लोगो का कहना है की इस सनद को कोई भी सरकारी महकमा कबूल नही करता हमने इसे पासपोर्ट बनवाने में लगाया तो वहा इसे मना कर दिया। इसे दूसरे स्कूलों में लगाया तो वहा भी इसे सिरे से ख़ारिज कर दिया गया। ऐसे में ये मदरसा बोर्ड की सनद बस एक क़ागज का टुकड़ा बनकर रह गई है।
खेर इस ख़बर के मोजू पर आते है 2016 के मदरसा बोर्ड के नतीजों को उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड की वेबसाइट पर पिछले माह मुंशी/आलिम/फ़ाजिल के नतीजों की दिखाया गया था। जिसमे मदरसा बोर्ड की घोर लापरवाही व निकम्मापन देखने को मिला। यहा सेकड़ो लडकियों के रिजल्ट में मदरसा बोर्ड ने जो विषय और पेपर लड़कियों ने चुना और दिया ही नही उस पेपर में फैल दिखा कर अपने निकम्मेपन व काबलियत का सुबूत दे दिया।
मालूम हो कि ज्यादातर लडकियाँ साइंस और होम साइंस लेती है और और मदरसा बोर्ड के इम्तेहान में भी लडकियों ने यही विषय लिया और पेपर भी इसी विषय का दिया।
पर यहाँ मदरसा बोर्ड की तरफ से कापी जाँचने वाले हजरात ने इस विषय को बदल कर मेथमेटिक्स कर दिया और इसी विषय में लडकियों को फेल दिखा दिया इम्तेहान के बाद रिजल्ट की आस लगाये बेठी बच्चियों ने जब नेट पर अपना अपना रिजल्ट देखा तो उनकी ख़ुशी उदासी में बदल गई।
जब बच्चियों ने जो जिस मदरसे से तालीम हासिल करती थी वहा इसकी शिकायत की तो वहा से जवाब मिला कि इसमें हमारी कोई गलती नही है हमारे पास जब इसके कागजात आयेगे हम तब इसपर कोई जवाब दे पायेगे।
मदरसा बोर्ड की लापरवाही व गलती का शिकार हुई बच्चियों में कुमारी हुमा रहमान, कुमारी गुलफशा परवीन,कुमारी फरहीन परवीन,कुमारी तरन्नुम परवीन,कुमारी महशर जहाँ,जिन्हें मेथ मेटिक में फैल दिखाया गया है।
जबकि इन सभी लड़कियों ने साइंस का पेपर दिया था और साइंस का विषय ही फ़ार्म भरते वख्त दर्ज किया था इन लड़कियों के अलावा और भी सेकड़ो लड़कियों को मदरसा बोर्ड के इस साल के इम्तेहान में फैल दिखाया गया है। और ताजुब की बात ये है की उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड को इस साल के रिजल्ट ओन लाइन किये हुए लगभग 40 दिन बीत गये है पर अभी तक मदरसा बोर्ड ने रिजल्ट में हुई गलतियों को सुधारा नही है।
मदरसा बोर्ड की मनमानी और निकम्मेपन के चलते उत्तर प्रदेश के हजारो छात्र छात्राओं का एक साल बर्बाद होता दिखाई दे रहा है। सभी स्कूलों में 2017 का सत्र सुरु हो चुका है ऐसे में मदरसा बोर्ड के दसवी के छात्र छात्राए अपने अपने रिजल्ट को लेकर उदासी और मायूसी का शिकार हो रहे है। और अपना एक साल बर्बाद हो जाने का दुःख झेल रहे है। पर मदरसा बोर्ड अपनी इस गलती को सुधारना तो दूर छात्र छात्राओं की सुनने को तेयार ही नही ऐसे में नये सत्र में दाख़िला लेने वाली बच्चियों के सामने ये नतीजे उनकी एक साल की मेहनत पर पानी फेरते नजर आ रहे है।