उबैद वारसी | UPUKLive
मुरादाबाद।एक ओर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कौमी एकता दल जैसी पार्टी से नाता तोड़कर खुद की पार्टी की छवि को सुधारने में लगे हैं। वहीं दूसरी ओर उनके विधायक पार्टी की छवि को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ताजा मामला शहर के विधायक हाजी युसूफ अंसारी से जुड़ा है।
यूसुफ़ अंसारी पर शहर के मदरसा जामिया अरबिया हयात उल उलूम की जमीन का सौदा करने का कथित आरोप लगा है। यही नहीं इस काम की लिखित शिकायत भी मदरसे से जुड़े धर्म गुरुओं ने सीएम से मिलकर की है। जिसके बाद विधायक अपनी सफाई देते फिर रहे हैं। वहीं इसके बाद उनका विरोधी गुट भी विधायक के खिलाफ सक्रिय हो गया है।
मदरसे से जुड़े आफाक, हाजी लियाकत, शमीम आदि लोगों ने विधायक पर निलंबित लेखपाल अमजद के साथ मिलकर जमीन कब्जा करने का आरोप लगाया है। इन लोगों ने जिलाधिकारी समेत मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप कर उचित कार्रवाई की मांग की है। क्योंकी मामला सत्ताधारी विधायक से जुड़ा है। इसलिए कोई भी अधिकारी जबाब देने से बच रहा है। इस मामले में तकरीबन चार महीने पहले भी मदरसा समर्थकों ने विधायक के आवास के बाहर धरना प्रदर्शन तक किया था, लेकिन इस बार फिर शिकायत के जरिये विधायक पर कार्रवाई की मांग की गई है।
वहीं खुद विधायक इस मामले को पूरी तरह नकार रहे हैं। उन्होंने कहा की जो भी आरोप मुझ पर लगाए गए हैं वो पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। मुझे जानबूझकर बदनाम किया जा रहा है और कुछ लोग साजिश के तहत मेरा नाम इस मामले में घसीट रहे हैं।
यहां बता दें की विधायक हाजी युसूफ अंसारी के खिलाफ इससे पहले भी राशन डीलरों से रंगदारी और जमीनों पर कब्जे करने को लेकर काफी शिकायतें हो चुकी हैं। हाद तो ये है की विधायक के भाई के खिलाफ कटघर थाने में मुकदमा भी दर्ज हो चूका है, लेकिन हर बार सत्ता के दबाब में कार्रवाई अमल में नहीं हुई। क्योंकी अब चुनाव करीब हैं ऐसे में विधायक का विरोधी खेमा इसे हवा देने में जुटा है। जिसमें स्थानीय अधिकारियों के साथ ही सपा के उच्च पदाधिकारियों तक इस मामले को पहुंचाया गया है, ताकि कैसे भी करके टिकट में सेंधमारी की जा सके। वही कुछ लोगो ने विधायक यूसुफ़ अंसारी पर चर्चा करते हुए बताया की आब यूसुफ़ अंसारी का साफ़ चेहरा जनता के सामने आ गया है जिससे विधायक की छवी पूरी तरह ख़राब हो चुकी है जनता अब एक साफ सूत्री छवी का विधायक चाहती है