हसन मदनी नदवी
ईद मुसलमानों का एक धार्मिक पर्व एवं अवसर है यह दिन रमजान महीने के बाद आता है और इस दिन का मतलब होता है किईश्वर अपने बन्दो को रोजे रखने के बाद एक खुशी देता है और वह खुशी इसी दिन की होती है। जिस मे लोग ईश्वर की नेमतौ का इजहार करते हैं। ईश्वर की परातना करते हें एवं आपस मे मिल जुलकर खुशियाँ बाँटते हें और इस में सब लोग शरीक होते हैं और एक जगह एक साथ एक समय में एक ही इबादत करते है।
यह अवसर दुनिया में सब से बड़ा अवसर माना जाता है। हर देश में इसे अलग अलग अंदाज़ से लोग मनाते हें ,सउदी अरब में लोग ज़्यादातर मक्के और मदीने में ईद की नमाज पड़ते हें और फ़िर वह सेर ओ तफरीह के लिये अबहा और ताय्फ और दूसरी ठंडी जगहों पर छुट्टी मनाने जाते हैं। यहाँ इस अवसर पर जूब्बा और रूमाल पेहना जाता हे और यही सउदी के कोमी लिबास होता हे और यहाँ के लोगों के लिये यह सब से गर्व और विशालि सममानित चीज़ होती हे।
सउदी में लोग दिन भर सोने और रात भर जगने के आदि होते हें और रात ही के समय वह घूमते एवं मनोरँजन करते हें और ज़्यादा तर वह मात्र अपने ही परिवार के साथ घूमते और मौज करते दिखते हें यही हे यहाँ की परम्परा और यही है यहाँ के अनुशासन।