सेंसर बोर्ड ने अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दकी की फिल्म ‘हरामखोर’ पर आपत्ति जताई है। यह फिल्म फिल्म 17वें जियो मामी मुंबई फिल्म फेस्टिवल के इंडिया गोल्ड सेक्शन में सिल्वर गेटवे अवार्ड का जीत चुकी है। फिल्म की कहानी में 14 साल की बच्ची और एक ट्यूशन टीचर के बीच पनपते प्यार है।
श्लोक शर्मा निर्देशित फिल्म की कहानी को देखने के बाद सेंसर बोर्ड का कहना है कि यह बेहद गंभीर विषय है। फिल्म में टीचर्स की इमेज को गलत ढंग से पेश किया गया है। इसलिए इसे रिलीज नहीं किया जा सकता है। वहीं फिल्म के प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा का कहना है कि सेंसर बोर्ड को फिल्म का विषय भले ही आपत्तिजनक लगा हो लेकिन इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं।
फिल्म की शूटिंग मुंबई में हुई है। मैंने उन्हें बताया कि ऐसी चीजें होती है और फिल्म की पूरी शूटिंग मुंबई में हुई है। फिल्म दूनियाभर में कई अवार्ड्स जीत चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि,’ यह (हरामखोर) छोटे बजट की फिल्म है। इसलिए हम दो बड़े बैनरों की सपोर्ट वाली फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ की तरह कानूनी लड़ाई नहीं कर सकते।
फिल्म को जनता के आर्थिक सहयोग से बनाई गई है इसलिये हम अदालत नहीं जा सकते। बताते चलें कि ‘उड़ता पंजाब’ को सेंसर बोर्ड ने 13 कट और ‘A’ सर्टिफिकेट के साथ पास कर दिया था. लेकिन फिल्ममेकर्स को बोर्ड का फैसला पसंद नहीं आया और उन्होंने बोर्ड के खिलाफ बंबई हाईकोर्ट को दरवाजा खटखटाया था। बाद में बंबई हाईकोर्ट ने फिल्म को 1 कट के साथ ही पास कर दिया और बोर्ड को सर्टिफिकेट देने को आदेश दिया।