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मैं क्रिसचन था, मुसलमानों के नमाज़ से प्रभावित हुआ और इस्लाम धर्म को स्वीकार किया

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नई दिल्ली। मैं अपने पिता के साथ चर्च जाया करता था लेकिन मेरे मन में सच्चे परमेश्वर को लेकर सवाल पैदा होते थे जिसका जवाब मुझे नहीं मिलता था।

कुछ समय के बाद मैं अपने मुस्लिम दोस्तों में उठने बैठने लगा और मेरे पिता को विभिन्न तरह के इस्लामी सभाओं में आमंत्रित किया जाता था, मैं पिता के साथ जाया करता था वहाँ लोगों को पूजा ( नमाज़) करते देखता था ,उनके पूजा के बारे में मैं ने उन लोगों से पता किया तो मुझे बताया की हम प्रार्थना स्थापित करके अपने सच्चे परमेश्वर (अल्लाह) से रुजू करते हैं और जो कुछ मांगना होता है उसी के आगे सिर झुका कर मांगते हैं और मिलता है।
फिर मैं ने प्रार्थना ( नमाज़ ) के बारे में गहराई से अध्ययन किया, कुछ धर्मगुरू के साथ जुड़ा और इस्लाम धर्म के बारे में बहुत बारीकी से अध्यन किया अंत में परिणाम यह निकला कि मेरे मन में जो सवाल उठते थे उस का उत्तर मिलने लगा और जब पूरी तरह से मैं और मेरा दिमाग संतुष्ट हो गया तो मैं ने सब कुछ छोड़कर इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया। आज मैं काफी खुश हूँ किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है।

हाँ जो मेरे माता पिता हैं उनके द्वारा थोड़ी बहुत परेशानियां आईं लेकिन इसके बावजूद भी मैं ने उनको इस्लाम धर्म के बारे में बताया कि इस्लाम धर्म ही सच्चा धर्म है। इन बातों को एक नौमुस्लिम युवक ने ओखला में आयोजित एक इस्लामी सम्मेलन के दौरान एक न्यूज़ पोर्टल से बातचीत करते हुए कहा।

इसके अलावा भी कई नौमुस्लिम युवाओं से भी बातचीत हुई। एक युवक ने बताया कि मीरा जन्म राजपूत परिवार में हुआ। मेरे मन में अपने धर्म को लेकर कई सवाल थे तो मैं ने क्रिसचन धर्म को फॉलो करना शुरू किया उसमें मेरे सवालों का जवाब नहीं मिला फिर मैं कई वर्षों तक नास्तिक बन कर रहा इसके बारे में भी अध्ययन किया लेकिन मन संतुष्ट नहीं हुआ उसके बाद भी कई धर्मों को फॉलो किया लेकिन कहीं नहीं जवाब मिला।

आखिर में आकर मैंने इस्लाम धर्म को फॉलो करना शुरू किया , कई साल तक मैं किताबों के द्वारा अध्ययन करता रहा इसके अलावा अपने मुस्लिम दोस्तों से जानकारी लेता रहा इसी बीच मेरा संबंध कुछ इस्लामी विद्वानों से हुआ उन लोगों से भी बहुत प्रभावित हुआ और क़ुरआन का अध्ययन शुरू किया पूरे कुरान को बड़ी बारीकी से पढ़ गया तो मुझे लगा कि मैं जिसकी तलाश में था जो सवाल मेरे मन में थे उसका जवाब तो कुरान में है और म्जुहे अपने सवालों का जवाब मिल गया फिर मैं ने इस्लाम धर्म स्वीकार किया और आज मैं पूरी तरह ईमान वाला हूँ और शादी शुदा हूँ ।

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