अंबाला।हरियाणा में अब इतिहास बदलने को लेकर बड़ा सियासी युद्ध छिड़ गया है। बात भाजपा के छोटे-मोटे नेताओं की नहीं बल्कि सूबे के मुखिया की है। इतिहास बदलने का झंडा जब ख़ुद मुख्यमंत्री ने उठाया हो तो लाज़मी है कि सेना तो सेनापति का ही साथ देगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खुलेआम मंच से जो बात कही, शायद इतिहासकारों और इतिहास पढ़ने वालों को वो पसंद नहीं आए।
दरअसल मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कुछ दिन पहले महाराणा प्रताप जयंती में शिरकत करने गए थे। यहां ईनाडु की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने मंच से कहा कि सरकार ने करनाल में बागवानी विश्वविद्यालय बनाने का फ़ैसला किया है। अगर आप कहें तो विश्वविद्यालय का नाम महाराणा प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रख दें। सीएम के ये कहने की देर थी कि पूरा मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इसके बाद खट्टर ने कहा कि बात आई दिल्ली के अंदर, है तो दिल्ली के लोगों की। उन्होंने कहा कि मैं एक बात कहना चाहता हूं कि औरंगजेब का नाम तो ख़त्म हो चुका है। ठीक अवसर आया और आप लोग प्रयत्न करें तो अकबर का भी खत्म हो जाएगा।
उधर अंबाला से भाजपा विधायक असील गोयल ने भी कुछ दिन पहले ऐसा ही बयान दिया था। असीम ने कहा कि भारत का इतिहास गजनी की संतानों द्वारा लिखा गया है। ये इतिहास हमें किसी भी कीमत में मंज़ूर नहीं है। हमारे महान भारत का इतिहास महान राजाओं, ऋषियों पर ही होना चाहिए। आपको बता दें कि अब हरियाणा गौरव किताब से देवीलाल चौटाला और कई क्रांतिकारियों का नाम हटाए जाने को लेकर लोगों में विरोध पैदा हो रहा है।