बाबू अंसारी | UPUKLive
बिजनौर। स्योहारा यूं तो पूरे उत्तर भारत में कुदरत की अनमोल नेमतो में से एक पानी की भरमार है. कुछ जगह इंसान पानी को यूं ही फिजूल बहा रहा है और कुछ जगह लोगो को शासन और प्रशासन की मनमानी के चलते दो घूँट पानी भी नसीब नही हो रहा.
ऐसा ही कुछ हाल है इंडिया के सबसे पुराने और लम्बे रेल मार्ग जम्मू से लेकर सियालदाह तक की लम्बाई वाले इस मार्ग पर जो की रेलवे मंडल मुरादाबाद से नजीबाबाद की और 50 किलो मीटर पर बने रेलवे स्टेशन स्योहारा का. यहा कहने को तो तीन चार इंडिया मार्का नल और अनेक पानी की टंकी लगी हुई है पर ये इस भयानक धूप में हाथी दांत साबित हो रही है।
प्लेटफ़ार्म के दोनों और लगे ये नल ही पानी दे रहे है और ना जगह जगह लगी ये पानी की टंकी ही मुसाफिरों की प्यास बुझा रही है।
कई बार तो पानी की आस में लोग पानी लाने के चक्कर में अपनी ट्रेन गवा बैठते है इस कुर्बानी के बाद भी उन्हें पानी नसीब नही होता।
कुछ डेली अप डाउन करने वाले मुसाफिरों का कहना है की हमने स्टेशन पर ख़राब पढ़े नलों और टंकियो की शिकायत स्टेशन मास्टर से की पर कई महीने बीत जाने के बाद भी ये ठीक नही की गई जब इस बाबत स्टेशन मास्टर से मालुम करने की कोशिस की तो मुलाकत नही हो सकी।
उनकी जगह रेलवे स्टेशन पर मोजूद जितेन्द्र तिवारी ASST स्टेशन मास्टर से बात हुई तो उन्होंने बताया की हमने टंकियो में पानी ना आने की नजीबाबाद कंट्रोल को ख़बर कर दी है।