लखनऊ। माल सीएचसी में डॉक्टरों की लापरवाही से नवजात की जान चली गई। शनिवार सुबह सात बजे पहुंची गर्भवती का डॉक्टर इलाज करने से कतराते रहे। प्रसूता की हालत बिगड़ी तो शाम सात बजे प्रसव कराया गया।
प्रसव के बाद नवजात ओटी टेबल से स्लिप होकर टेबल से टकराता हुआ गिर गया और थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो गई। इसके बाद डॉक्टरों ने कागज पर कटिंग कर गर्भ में ही शिशु की मौत की बात लिख दी जिससे नाराज परिवारीजनों ने जमकर हंगामा किया। अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार माल के फूलतरा गांव के जितेंद्र रावत की सात महीने की गर्भवती पत्नी कुसुम को प्रसव पीड़ा के बाद शनिवार सुबह छह बजे सीएचसी लेकर पहुंचे थे। जितेंद्र ने बताया कि एएनएम सुरभि पटेल ने जांच करने के बाद भर्ती कर लिया।
दो घंटे बाद डॉ. प्रियंका मौर्या ने कुसुम को डफरिन अस्पताल जाने की सलाह दी। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात डॉ. संजय गुप्ता ने रेफर करने से मना कर दिया। शाम सात बजे प्रसव कराया गया।
कुसुम ने परिवारीजनों को बताया कि प्रसव के बाद वहां मौजूद स्टाफ ने नवजात को नहीं संभाला और वो ओटी टेबल से फिसलकर नीचे गिर गया। नवजात के नीचे गिरते ही स्टाफ ने उसे उठाया तो उसकी सांस उल्टी चल रही थी। इसके बाद भी डॉक्टरों ने सामान्य बताकर इलाज नहीं किया और 25 मिनट बाद उसकी मौत हो गई।
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